सामाजिक-शैक्षणिक सर्वेक्षण में ‘वीरशैव लिंगायत’ दर्ज कराने का आह्वान
हुब्बल्ली. शहर के नेहरू मैदान में शुक्रवार को आयोजित अखिल भारत वीरशैव लिंगायत महासभा के विशाल एकता सम्मेलन में समाज ने संकल्प लिया कि राज्य सरकार की ओर से कराए जाने वाले सामाजिक एवं शैक्षणिक सर्वेक्षण-2025 में जाति कॉलम में अनिवार्य रूप से ‘वीरशैव लिंगायत’ दर्ज कराया जाए।
सम्मेलन में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना सहित विभिन्न प्रांतों से आए संत-महात्माओं, मठाधीशों और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया था। महासभा ने यह भी स्पष्ट किया कि धर्म कॉलम में समाज के लोग अपनी विवेकानुसार प्रविष्टि कर सकते हैं, परंतु जाति में ‘वीरशैव लिंगायत’ ही अंकित होना चाहिए।
रंभापुर मठ के प्रसन्नरेणुका वीरसोमेश्वर शिवाचार्य स्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा नहीं दिया है, इसलिए सर्वेक्षण में केवल संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त धर्म का ही उल्लेख होना चाहिए।
मुण्डरगी मठ के अन्नदानेश्वर स्वामी ने समाज को अस्तित्व की रक्षा के लिए संगठित रहने पर बल दिया।
महासभा के उपाध्यक्ष एवं मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा कि समाज को प्राय: आंतरिक मतभेदों के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिसे दूर कर संगठन को मजबूत करना आवश्यक है।
सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार की आगामी जाति जनगणना से पूर्व समाज को धर्म और जाति पर स्पष्ट निर्णय लेना चाहिए।
सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने कहा कि गलत आंकड़े दर्ज होने पर सरकार की विश्वसनीयता प्रभावित होगी, इसलिए पहले ही स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
महासभा के अध्यक्ष शंकर बिदरी ने घोषणा की कि समाज की समस्त जातियों को पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल कराने के लिए आंदोलन चलाया जाएगा।
सम्मेलन से पहले मूरुसाविर मठ से भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जो कोप्पिकर रोड व सर सिद्धप्पा कंबली रोड से होते हुए नेहरू मैदान पहुंची। ढोल-नगाड़ों, नंदीकोलु नृत्य और जयघोषों से वातावरण गूंज उठा। मैदान में पहुंचने पर मठ प्रमुखों का पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। भीषण धूप के बावजूद हजारों श्रद्धालु इसमें शामिल हुए।
