शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने कहा
शिवमोग्गा. शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने कहा कि वे कॉन्वेंट में पढ़े हैं उन्हें कन्नड़ के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं है परन्तु कन्नड़ भाषा के अस्तित्व की जिम्मेदारी उन पर है। भले ही वे कन्नड़ भाषा के बारे में ज्यादा नहीं जानते, परन्तु उनके मन में इसके प्रति काफी सम्मान है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए बंगरप्पा ने कहा कि उनके पिता एस. बंगरप्पा के नाम पर शिवमोग्गा कन्नड़ साहित्य परिषद के पुस्तकालय को 5 लाख रुपए अनुदान दिया है। मेरे पिता बंगरप्पा ने काफी मशक्कत कर स्ट्रीट लाइट में पढ़ाई की थी। वे रन्ना और पम्पा के बारे में घंटों बातें करते रहते थे। कन्नड़ सहित चाहे उन्हें कोई भी विषय दिया जाता, तो वे आसानी के साथ कन्नड़ में बोलते थे परन्तु हम सभी कॉन्वेंट में पढ़ेे हैं। इसलिए हम शायद कन्नड़ ठीक से नहीं बोल पाएं परन्तु हमारा दिल शुद्ध कन्नड़ है। कन्नड़ माध्यम में शिक्षा माता-पिता के विवेक पर निर्भर है।