आर.अशोक ने सरकार से की मांग
कलबुर्गी. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार का खजाना पूरी तरह से खाली होने से किसानों को एक पैसा भी नहीं दिया जा रहा है। वे विपक्ष के नेता बनने के बाद कल्याण कर्नाटक के कलबुर्गी से सूखे का अध्ययन शुरू कर वास्तविक स्थिति की समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि अतीत में, बीएस येडियूरप्पा, बसवराज बोम्मई के शासनकाल के दौरान, सूखे और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई पहले राज्य सरकार ने एक महीने के भीतर की थी और बाद में केंद्र से मुआवजा मांगा था। चाहे तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दस्तावेज देख लें। पूर्व में बी.एस. येडिूरप्पा के कार्यकाल में किसानों का कर्ज माफ करने के दौरान केंद्र सरकार की ओर हाथ नहीं फैलाया था। इसके चलते राज्य सरकार को बिना सोच-विचार किए किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए। गंभीर सूखे से जूझ रहे किसानों को कर्ज माफी और उचित मुआवजा देकर उनमें आत्मविश्वास पैदा करना चाहिए।

औपचारिकता केलिए सर्वे

अशोक ने तंज कसते हुए कहा कि खरीफ और मानसून दोनों सीजन में बारिश नहीं होने के परिणामस्वरूप सभी फसलें नुकसान हुई हैं परन्तु किसानों के खेत में जाने के दौरान किसान यही रोना रो रहे हैं कि फसल क्षति का सर्वे करने कोई नहीं आया। पूर्व में जब वे राजस्व मंत्री थे तब एप बनाया था उसी में सभी फसल नुकसानों को दर्ज करना चाहिए परन्तु केवल फोटो खींच कर दर्ज किया गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि मोबाइल नंबर दर्ज नहीं किया है। मुख्य रूप से प्रभारी मंत्री ही गांवों का दौरा कर स्थिति की समीक्षा नहीं कर रहे हैं। इसके बजाय, वे पांच राज्यों के चुनावों में गए हैं। उन्हें राज्य के किसानों के हित से ज्यादा किसी और चीज में दिलचस्पी है।

उन्होंने कहा कि बेलगावी अधिवेशन में राज्य में सूखे की स्थिति, किसानों को पर्याप्त मुआवजा और कर्जमाफी तथा राज्य सरकार की विफलताओं पर प्रस्ताव रखा जाएगा।

जब तक पर्याप्त मुआवजा नहीं मिल जाता और सभी को सरकारी सुविधाएं नहीं मिल जाती, तब तक वे लड़ाई जारी रखेंगे।

विधायक बसवराज मत्तिमडु, पूर्व विधायक दत्तात्रेय पाटिल और अन्य मौजूद थे।

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