भाजपा कार्यकर्ता को पीटने का आरोप
हुब्बल्ली. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने रविवार को अपने आवास पर एक युवक की कथित तौर पर पिटाई के मामले में धारवाड़ शहर पुलिस थाने के निरीक्षक एन.सी. काडदेवरमठ को आड़े हाथों लिया।

आरोप है कि कुछ दिन पहले, धारवाड़ के गोल्लर ओनी के निवासी रवि गोल्लर को कथित तौर पर इसपीट (जुआ) खेलने के आरोप में काडदेवरमठ ने पुलिस थाने में बुलाकर पीटा था।

दिवाली त्योहार की शुभकामनाएं देने के लिए रविवार को जोशी के आवास पर आए काडदेवरमठ को जोशी ने फटकार लगाते हुए कहा कि अगर वह इस्पीट खेल रहे थे, तो छापा मार कर गिरफ्तार करना चाहिए था। यदि उन्होंने कोई गलती की है तो मैं उन्हें प्रोत्साहित नहीं करता। तुम्हें थाने बुलाकर पीटने का क्या अधिकार है?

पुलिस निरीक्षक ने कहा कि मैंने युवक को सही करने के लिए उसके गाल पर चांटा मारा था। इस पर जोशी ने निरीक्षक से पूछा कि अगर मैं तुम्हें चार मुक्के मारूं तो क्या कानूनी में कोई अधिकार है। अगर उसने कुछ गलत किया भी है, तो तुम्हें उसे मारने का क्या अधिकार है? कानून के मुताबिक कार्रवाई करनी चाहिए थी।

जोशी ने ऊंची आवाज में कहा कि आपके पीटने को लेकर वीडियो रिकॉर्ड है। इस बारे में मैं मानवाधिकार आयोग, आयुक्त से शिकायत करूंगा। मैं थाने के सामने धरना दूंगा। देखते हैं क्या होता है। भाजपा कार्यकर्ता होने के कारण क्या आपने कांग्रेसियों की बातें सुनकर इस प्रकार कर रहे हैं? उनके खिलाफ कौन से पुराने मामले हैं? अगर उनके पास बंदूक मिली तो उसे पेश करें। हमने संघर्ष किया है। हमें डराया नहीं जा सकता।

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी का बर्ताव निंदनीय
कांग्रेस नेता रजत उल्लागड्डिमठ ने केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के बर्ताव की निंदा करते हुए कहा कि कर्नाटक राज्य पुलिस विभाग की अपनी गरिमा है। हमारे पुलिसकर्मी जनहित की रक्षा के लिए अपना जीवन और जान को समर्पित किया है। हम सभी त्योहार, उत्सव मनाते हैं तो वहीं पुलिसकर्मी बिना त्योहार, उत्सव के अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। सरकारी अधिकारियों का सम्मान करना जन प्रतिनिधियों का पहला कर्तव्य है। जहां पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है, वहीं दिवाली त्योहार की बधाई देने आए पुलिस निरीक्षक काडदेवरमठ को जिस तरह से उनके कार्यकर्ताओं के सामने अपमानित कर धमकी दी गई, वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने गलती की है तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, परन्तु राजनीतिक रोटियां सेंककर अपनी पहचान बनाने के लिए अधिकारियों का अपमान करना गलत है।

केंद्रीय मंत्री को इस ओर ध्यान देकर अपनी गलती सुधार लेनी चाहिए और सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।

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