राजहंसगढ़ किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा।

छत्रपति शिवाजी की मूर्ति स्थापित करने को लेकर श्रेय की राजनीति
बेलगावी.
राजहंसगढ़ किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माण को लेकर कई तरह की राजनीतिक खींचतान चल रही है। भाजपा और कांग्रेस के अलग-अलग उद्घाटन करने के बाद अब महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) प्रतिमा की सफाई करने जा रही है, जिससे एक और विवाद खड़ा हो गया है।

बेलगावी ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के राजहंसगढ़ किला परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज की 50 फुट ऊंची प्रतिमा के निर्माण के मुद्दे को लेकर अब एमईएस ने प्रवेश किया। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही शिवाजी महाराज की मूर्ति का इस्तेमाल कर वोट बटोरने की साजिश की जा रही है। तीनों पार्टियां वोटों के समीकरण में जुटी हुई हैं। अब एमईएस 19 मार्च को राजहंसगढ़ में मूर्ति का शुद्धिकरण करेगी।

सरकारी अनुदान पर हुआ निर्माण

सरकारी अनुदान मूर्ति निर्माण होने के कारण मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने 2 मार्च को प्रतिमा का उद्घाटन किया था। गोकाक विधायक रमेश जारकिहोली ने जिद पकड़ ली और मुख्यमंत्री को बुलवाकर इसका उद्घाटन करवाया। इस कार्यक्रम में विधायक लक्ष्मी हेब्बालकर अनुपस्थित थीं।

इसके बाद विधायक लक्ष्मी हेब्बालकर ने 4 और 5 मार्च को भव्य तरीके से प्रतिमा का अनावरण कर भाजपा को चुनौती दी। पूरे किला परिसर में लाइटिंग, रंगारंग समारोह में बड़ी संख्या में शिवाजी के समर्थकों की उपस्थिति में कांग्रेस नेताओं की ओर से उद्घाटन किया गया। एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, विपक्ष के नेता सिद्धरामय्या अनुपस्थित रहे। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के उफान पर होते ही एमईएस के नेताओं ने भी हाल ही में बैठक कर 19 मार्च को शिवाजी महाराज की मूर्ति के शुध्दीकरण का निर्णय किया। एमईएस नेताओं का कहना है कि भाजपा-कांग्रेस ने एकाध बार उद्घाटन कर शिवाजी महाराज का अपमान किया है और इसे शुद्ध करने के लिए गोमूत्र सहित धार्मिक अनुष्ठान करेंगे।

विधायक हेब्बालकर ने किया पलटवार

हेब्बालकर के कट्टर दुश्मन गोकाक विधायक रमेश जारकिहोली को इस मामले के बारे में पता चलते ही उन्होंने सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार मूर्ति के लोकार्पण की तैयारी कर सीएम बोम्मई को समझाइशी कर बुलवाने के साथ जिद पूरी की है। हेब्बालकर ने भी शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी राजे भोसले, केपीसीसी अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार, महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक सतेज (बंटी) पाटिल और धीरज देशमुख को बुलवाकर अभूतपूर्व कार्यक्रम किया।

जमीन तलाश की तलाश में एमईएस
बेलगावी में कमजोर पड़ चुके एमईएस नेता फिर से जमीन तलाशने की कोशिश में जुटे हैं। सीमा विवाद के बाद एमईएस एक बार फिर मूर्ति शुद्धिकरण के बहाने संगठित होने की कोशिश कर रहा है। कुछ महीने पहले महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमावर्ती इलाकों को लेकर हुए विवाद के समय भी एमईएस से भावनात्मक मुद्दों को हवा देने की कोशिश की थी मगर सरकार की सख्ती के कारण उसे पीछे हटना पड़ा था।

मराठा समुदाय को लुभाने की कवायद
बेलगावी ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में मराठा समुदाय के वोट निर्णायक हैं। भाजपा-कांग्रेस और एमईएस ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के जरिए इन वोटों को प्राप्त करने की रणनीति बना रहे हैं। इस संबंध में, विधायक लक्ष्मी हेब्बालकर के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले इस किले के निर्माण की जिम्मेदारी लेकर सरकार से राशि लाकर इसे विकसित किया है। वे पूरे किले के जीर्णोद्धार के लिए कन्नड़ और संस्कृति विभाग से अनुदान लेकर आई हैं। इस सबका श्रेय खुद को जाना चाहिए इस मंशा से हेब्बालकर ने भारी भीड़ इकट्ठा कर प्रतिमा को जनता का लोकार्पण किया।

किस नैतिकता से करेंगे शुद्धिकरण

एईएस नेताओं को शिवाजी महाराज की मूर्ति को शुद्धीकरण करने के बजाय अपने मन को शुद्ध करना चाहिए। शिवाजी महाराज के वंशज संभाजीराजे भोसले की ओर से औपचारिक रूप से राजहंसगढ़ शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया गया है। हमने हमारे क्षेत्र में 103 मंदिरों का जीणोध्दार किया है क्या वे उनका शुद्धीकरर्ण करेंगे। उन्हें शुद्धीकरण करने के लिए क्या नैतिकता है?

लक्ष्मी हेब्बालकर, विधायक, बेलगावी ग्रामीण

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