जिला स्तरीय अधिकारियों के साहसिक कदमों से मामलों में आई कमी
हुब्बल्ली. राज्य के अन्य जिलों में बाल विवाह को रोकने के लिए कितने भी जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद बाल विवाह की संख्या कम नहीं हुई है। धारवाड़ जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला के अधिकारियों के साहसिक कदम से बाल विवाह की संख्या में कमी आई है। जिला बाल संरक्षण इकाई बाल विवाह को कम करने में अहम भूमिका निभा रही है। बाल विवाह होने की सूचना मिलते ही जिला बाल संरक्षण इकाई के कर्मचारी, पुलिस, पीडीओ, सीडीपीओ समेत आंगनबाडी पर्यवेक्षकों सहित अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच कर बाल विवाह करने वाले अभिभावकों को इसकी जानकारी देकर बाल विवाह को रोककर उनसे गलती न हो इसके लिए एक कवर लेटर लिखवाते हैं।

जिला बाल संरक्षण इकाई की जिला आयुक्त नीता वाडकर ने जानकारी दी कि अगर जगह पर पहुंचने से पहले शादी हुई तो मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 2019 के बाद से धारवाड़ जिले में कुल 21 बाल विवाह हुए हैं और 113 बाल विवाह रोके गए हैं। इस संबंध में 51 मामले दर्ज किए गए हैं। 2019-20 में एक बाल विवाह हुआ, 25 बाल विवाह रोके गए, इस संबंध में एक मामला, 2020-21 में एक बाल विवाह, 26 बाल विवाह रोके गए, एक मामला, 2021-22 में 11 बाल विवाह, 23 बाल विवाह रोके गए, 21 मामले दर्ज किए गए। इसी प्रकार 2022-23 में 7 बाल विवाह हुए और 22 बाल विवाह रोके गए। 16 मामले दर्ज किए गए हैं। वर्तमान वर्ष 2023-24 में अब तक एक बाल विवाह हुआ है, 17 बाल विवाह रोके गए हैं। इस संबंध में 12 मामले भी दर्ज किए हैं।

बाल विवाह रोकने के लिए किया जागरूक

ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह रोकने के लिए पहले से ही लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में जागरूकता पैदा की जा रही है। माता-पिता, अभिभावकों की जागरूकता के कारण बाल विवाह के मामलों में कमी आई है।

अस्पताल में भर्ती के दौरान परामर्श
नीता वडकर ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से स्वास्थ्य विभाग को यह भी सूचित किया गया है कि यदि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, तो उन्हें किम्स के सखी वन सेंटर में रखा जाएगा। उनसे निजी परामर्श किया जाता है। बाद में मामला दर्ज किया जाएगा।

चाइल्ड हेल्पलाइन

बाल संरक्षण इकाई की जिला आयुक्त नीता वडकर ने कहा कि यह हेल्पलाइन 1 सितंबर 2023 से जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से संचालित की जा रही है। इस संबंध में, हुब्बल्ली और धारवाड़ रेलवे स्टेशनों पर एक हेल्पलाइन स्थापित की गई है और यह 24 घंटे उपलब्ध है। जरूरत पड़ने पर बच्चों को बालमंदिर में रखा जाएगा और शिक्षा दी जाएगी। यदि बच्चे संकट में हैं, तो उन्हें 1098 पर कॉल करके सूचित करना चाहिए।

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