
गड्ढे पर डाले कंक्रीट पथरों पर ही चलने को मजबूर
यात्रियों के लिए नहीं हैं कोई न्यूनतम सुविधाएं
आंख मूंदकर बैठे अधिकारी
हुब्बल्ली. धारवाड़ शहर में जितनी सुविधाओं की कमी है, बस स्टैंड भी सुविधाओं के बिना बेहाल है।
यात्रियों की जीवन रेखा धारवाड़ का सीबीटी और नए बस स्टेशन का परिसर अधूरा विकसित है, और वहां के गड्ढों ने वाहनों के आवागमन को परेशान कर दिया है। यात्री धूल में आवागमन करने को मजबूर हैं।
न्यूनतम सुविधाएं भी नहीं
शहर के मध्य में स्थित सिटी बस स्टैंड (सीबीटी) हमेशा लोगों से खचाखच भरा रहता है। शहर के 20 से अधिक आवासीय इलाकों में जाने वाली बसें यहां रुकती हैं। यह एक ऐसी जगह है जहां लोग व्यवसाय, शिक्षा, अस्पताल, सरकारी कार्यालय के काम जैसे विभिन्न कारणों से प्रतिदिन आते-जाते हैं। इसके चलते इस बस स्टैंड पर हमेशा भीड़ रहती है परन्तु दुख की बात है कि यहां यात्रियों के लिए न्यूनतम सुविधाएं भी नहीं हैं।
10 साल से डामर नहीं बिछाया
यात्रियों का कहना है कि सीबीटी परिसर में 10 साल से डामर नहीं बिछाया गया है। इसके चलते सीबीटी परिसर पूरी तरह से खराब हो गया है, और गड्ढों से भर गया है। हालही में कंक्रीट के पत्थर डालकर गड्ढे बंद करने के बावजूद राहगीरों को पत्थरों पर ही चलने की स्थिति बनी हुई है। वाहनों के आवागमन से धूल उड़ती है, जिससे आसपास के व्यापारियों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिस बस स्टैण्ड पर रोजाना सैकड़ों लोगों का आवागमन होता है, वहां प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने सुविधा उपलब्द करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
नया बस स्टैंड
लोगों का आरोप है कि अंतरराज्यीय और जिले के प्रमुख शहरों को जोडऩे वाला धारवाड़ का नया बस स्टैण्ड साफ-सुथरा तो है परन्तु बस स्टैंड के आसपास अव्यवस्था ऐसी है कि यहां ठहरा भी नहीं जा सकता। यहां अच्छी सडक़, पार्किंग, कंपाउंड की व्यवस्था नहीं है।
और अधिक विकास करने की जरूरत
लोगों का कहना है कि धारवाड़ के नए बस स्टैंड में बेलगावी, सवदत्ती, अथणी, बागलकोट, जमखंडी, मुधोल, बेंगलूरु, धर्मस्थल, गोवा, महाराष्ट्र समेत अंतर-जिला और अंतर-राज्यों के लिए संपर्क उपपलब्ध करने वाली बसें आती हैं। इसके चलते बस स्टैण्ड पर लोगों की आवाजाही देखने को मिलती है परन्तु बड़ी संख्या में लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए नए बस स्टैंड का और अधिक विकास करने की जरूरत है।
लोगों को हो रही है अत्यधिक परेशानी
बस स्टैंड परिसर का आधे हिस्से को कंक्रीट डालकर विकसित किया गया है परन्तु बस स्टैंड के पहले से सातवें फ्लैट फार्म क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। यह काम आधे को ही ठप पडे एक साल बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं किया गया है। बस स्टैंड में अविकसित क्षेत्र ऊबड़-खाबड़ और गड्ढों से भरा है। बस स्टैंड आने वाले लोगों को इससे अत्यधिक परेशानी हो रही है।
बैठने की व्यवस्था नहीं
सीबीटी में यात्रियों के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है। बस स्टैंड में रात को गाय और कुत्ते आकर सो जाते हैं। इससे यात्रियो को और भी परेशान हो रही है। इसके चलते यात्रियों को बस स्टैंड के आसपास के व्यावसायिक स्टॉलों पर निर्भर रहना पड़ता है।