शंकरेप्पा की सेवा के लिए ग्रामीणों ने की सराहना
बीदर. तालुक के मलकापुर ग्राम पंचायत के सदस्य, शहापुर के 82 वर्षीय शंकरेप्पा बिरादार ने अपने खर्च पर सडक़ की मरम्मत की है और गांव में बस यातायात फिर से शुरू हो गया है।
बीदर-जहीराबाद रोड पर शहापुर गेट से शहापुर गांव तक तीन किमी लंबी सडक़ क्षतिग्रस्त होने से गांव के लिए बस यातायात बंद कर दिया गया था। अपनी बुढ़ापे की उम्र में भी, शंकरेप्पा आगे खड़े रहे और अस्थायी रूप से सडक़ की मरम्मत की, इसलिए गांव में बसें आ रही हैं। ग्रामीणों ने शंकरेप्पा की सेवा के लिए सराहना व्यक्त की है।
अधिकांश ग्रामीण शिक्षा, स्वास्थ्य, मजदूरी कार्य और कार्यालय कार्य के लिए जिला केंद्र पर ही निर्भर हैं। बस सेवा बंद होने से लोगों को ऑटोरिक्शा में सफर करने के लिए काफी पैसे चुकाने पड़ रहे थे।
शंकरेप्पा बिरादार ने हंसते हुए कहा कि पहले बीदर से गांव तक प्रतिदिन सात बार बस चलती थी। महीने पहले सडक़ खराब होने के कारण आवागमन बंद कर दिया गया था। बस के पुर्जे क्षतिग्रस्त होने के कारण जुर्माना भरने वाले चालक हमारे गांव आने को तैयार नहीं हुए। इसके चलते मैंने अस्थायी रूप से अपने खर्च पर सडक़ की मरम्मत की है।
उन्होंने कहा कि बीदर का बस किराया 16 रुपए है। ऑटोरिक्शा से जाने पर 30 रुपए चुकाने चाहिए। कई गरीब छात्र बस पास होने के बावजूद भी तीन किमी तक पैदल चलने की नौबत आई थी। शक्ति योजना के तहत मुफ्त यात्रा का मौका होने के बावजूद महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा था।
शंकरेप्पा ने कहा कि वे चौथी बार पंचायत के सदस्य बने हैं। उनकी पत्नी एक बार सदस्य थी। लोग ही पैसा खर्च कर चुनाव में जीताते रहे हैं। वे उनकी पीड़ा नहीं देख सकते थे। इसके चलते उन्होंने अपने पैसे से सडक़ की मरम्मत करवाई। इसमें करीब 30 हजार रुपए खर्च हुए हैं।
गड्ढे भरकर समतल की जा रही सड़क
शंकरप्पा ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि हमने ट्रैक्टर में लाल मिट्टी ला कर सात श्रमिकों का उपयोग करके सड़क के बीच में गड्ढों को भर कर समतल किया है। हमने फोन पर इस मामले को कल्याण कर्नाटक सड़क परिवहन निगम के बीदर डिविजनल कंट्रोलर के ध्यान में लाया और बस को फिर से शुरू करने का अनुरोध किया। दो दिनों से गांव में बस आ रही है।