मेंगलूरु. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा, कांग्रेस और जद (एस) के महत्वपूर्ण नेताओं ने रोड शो, सम्मेलनों और रैलियों के माध्यम से जिले में ध्यान आकर्षित किया, परन्तु भाजपा के दिग्गजों के दौरे का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा।
दक्षिण कन्नड़ जिले में इस बार कांग्रेस की गारंटी के जादू की गणना शुरू में थी। 22 जनवरी को, सिद्धरामय्या-डीके शिवकुमार की जोड़ी ने मेंगलूरु के करावली उत्सव मैदान में प्रजाध्वानी यात्रा के एक भव्य सम्मेलन को आयोजित करने के साथ तटीय क्षेत्र (करावली) के लिए एक अलग घोषणापत्र जारी किया। इससे शुरुआत में भाजपा खेमे में भी कुछ उथल-पुथल मची रही।
इसके साथ ही जिले में दोनों पार्टियों की ओर से अघोषित प्रचार कार्य शुरू कर दिया गया था। जिले में भाजपा के मौजूदा विधायकों ने अपने विकास के साथ हिंदुत्व के आधार पर मतदाताओं तक पहुंचने का प्रयास किया था परन्तु टिकट बंटवारे के दौरान नए चेहरों को मौका मिलने से पार्टी में तनाव पैदा हो गया। इसी चिंता को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ ने पुत्तूर बंटवाल में रोड शो किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुल्की में विशान रैली की, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मेंगलूरु एयरपोर्ट और मेंगलूरु दक्षिण में रोड शो कर हलचल बड़ा दी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा समेत कई राष्ट्रीय और प्रदेश नेताओं ने जिले का दौरा किया। यह सब भाजपा के लिए फायदेमंद होने के बाद भी पुत्तूर में विद्रोह के कारण पार्टी को तीसरे स्थान पर संतुष्ट होना पड़ा।
जेडीएस में जान फूंकने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने जेडीएस प्रत्याशी मोदिन बावा को जितवाने के लिए जिले का दौरा कर प्रचार किया परन्तु परिणाम मात्र शून्य रहा।
कांग्रेस की गारंटी ने नहीं किया फायदा
एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी-प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, के.सी. वेणुगोपाल समेत कई नेताओं ने जगह-जगह प्रचार कर पिछली बार से एक अतिरिक्त सीट जीत ली।

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