
तीन जने तीन बार के विजेता, एक दो बार के विजेता!
मंत्री पद के लिए होड़
नई सरकार के लिए मंत्रियों का आवंटन एक बड़ी चुनौती
सिद्दू से अच्छे रिश्ते रखने वाले अब्बय्या क्या बनेंगे मंत्री?
हुब्बल्ली. पिछले एक महीने से चली आ रही चुनावी प्रक्रिया के नतीजों से हर कोई इस बात को लेकर उत्सुक है कि जिले का कौन सा विधायक नई सरकार में मंत्री बनेगा।
जिले की सात सीटों में कांग्रेस ने हुब्बल्ली-धारवाड़ पूर्व, धारवाड़ ग्रामीण, कलघटगी और नवलगुंद सीटों पर जीत दर्ज की है। भाजपा ने कुंदगोल, हुब्बल्ली-धारावाड़ पश्चिम और मध्य (सेंट्रल) निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की है। कांग्रेस से चुने गए चारों वरिष्ठ विधायक हैं। इन चारों में से कौन मंत्री बनेगा, इसको लेकर चर्चा जोरों पर शुरू हो गई है।
अब्बय्या ने हासिल की हैट्रिक जीत
संतोष लाड ने 2008, 2013 और 2023 का चुनाव जीता कर विधायक बनेे। विनय कुलकर्णी 2004, 2013 और 2023 के चुनाव में जीत चुके हैं। उनके साथ हुब्बल्ली-धारवाड़ पूर्व आरक्षित (ईस्ट रिजर्व) क्षेत्र से प्रसाद अब्बय्या ने लगातार तीसरी बार अच्छे अंतर से हैट्रिक जीत हासिल की है।
बहुत सारा अनुदान लाकर काम किया
संतोष लाड और विनय कुलकर्णी ने 2013-2018 में सिद्धरामय्या सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में काम किया है। उस समय प्रसाद अभय्या ने दूसरे कार्यकाल के लिए जीत हासिल करने के बाद भी उन्हें मंत्री पद नहीं मिला था। इससे बहुत नाराज हुए प्रसाद अब्बय्या को सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में जगजीवनराम निगम के अध्यक्ष का पद देकर खुश किया गया था। इसके बावजूद अब्बय्या ने अनिच्छा से अध्यक्ष पद स्वीकार किया था। उन्होंने दावा किया कि उस अवधि के दौरान निर्वाचन क्षेत्र में बहुत सारा अनुदान लाकर काम किया है, उससे वे संतुष्ट हैं।
मंत्री पद के लिए मुकाबला
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बदले हुए परिदृश्य में, जेडीएस छोडक़र कांग्रेस से मौजूदा चुनाव जीतने वाले एनएच कोनरेड्डी उस पार्टी में जिले के अन्य विधायकों की वरिष्ठता के मामले में जूनियर हैं। ऐसे में मौजूदा हालात में मंत्री पद के लिए संतोष लाड, विनय कुलकर्णी और प्रसाद अब्बय्या के बीच मुकाबला होने की संभावना है।
मंत्री पद आवंटन एक बड़ी चुनौती
संतोष लाड, विनय कुलकर्णी के सिद्धरामय्या और डीके शिवकुमार के साथ अच्छे संबंध हैं। वहीं प्रसाद अब्बय्या के सिद्धरामय्या के साथ अच्छे संबंध होने के बावजूद उन्हें एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दाहिने हाथ के रूप में पहचाना जाता है। चार विधायक वाले जिले में तीनों को मंत्री पद मिलना आसान नहीं है। यहां से दूसरे जिलों में ज्यादा सीटें जीतने वाली कांग्रेस को उन जिलों को भी प्राथमिकता देनी होगी। इस बार उन्हें सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं, ऐसे में स्वाभाविक है कि मंत्री पद का बंटवारा एक बड़ी चुनौती होगी। ऐसे में जिले के चार विधायकों में किसे मंत्री पद मिलेगा यह बड़ी कौतूहल का विषय है।
लाड को मंत्री पद मिलने में कोई मुश्किल नहीं होगी
जीत की हैट्रिक लगा चुके अब्बय्या के इस बार मंत्री बनने की प्रबल संभावना है, ऐसा उनके करीबी कार्यकर्ताओं का कहना है। अब्बय्या ने एआईसीसी अध्यक्ष खरगे के आशीर्वाद पर विश्वास रखा है। विनय कुलकर्णी वर्तमान परिदृश्य में एक अलग स्थिति में हैं। ऐसे में मंत्री पद के बंटवारे को लेकर क्या फैसला लिया जाएगा, इसको लेकर काफी उत्सुकता बनी हुई है। बताया जा रहा है कि पार्टी को कई तरह से मदद करने वाले संतोष लाड को मंत्री पद मिलने में कोई मुश्किल नहीं होगी।
कैबिनेट में जिले को कितनी प्राथमिकता
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि एनएच कोनरेड्डी पार्टी के अप्रवासी हैं, इसलिए उनके लिए मंत्री पद मिलना मुश्किल है। लिहाजा लाड, विनय और अब्बय्या के बीच मंत्री पद के लिए मुकाबला होगा। इंतजार करना होगा और देखना होगा कि चार दिन में अस्तित्व में आने वाली नई सरकार के कैबिनेट में जिले को कितनी प्राथमिकता मिलती है।