बेलगावी. सांसद गोविंद कारजोल ने कहा कि उत्तर कर्नाटक के लोग व्यापारिक लेन-देन के लिए मुंबई सहित महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में जाते हैं। इसके चलते दोनों राज्य सरकारों को सख्त कार्रवाई कर कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच बसें चलानी चाहिए।
दोनों राज्यों के बीच बस सेवाओं के स्थगित होने के बारे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कारजोल ने कहा कि सरकार का इस मुद्दे पर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहना ठीक नहीं है। इसके बजाय हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों को असुविधा न हो।
कर्नाटक और महाराष्ट्र अलग नहीं हैं। कर्नाटक में मौजूद मराठा समुदाय भी कन्नडिग़ा ही है। यहां भाषा के नाम पर कोई झगड़ा नहीं है। 2011 में बेलगावी में विश्व कन्नड़ सम्मेलन को सफल बनाने में मुख्यत: मराठी लोगों का योगदान था। कुछ शरारती तत्व लंबे समय से भाषा के नाम पर यहां परेशानी पैदा कर रहे हैं।