स्थापना के तीन दशक बाद यही पहली बार
कारवार. तालुक स्थित कैगा परमाणु विद्युत उत्पादन संयंत्र की पहली इकाई का संचालन बंद किया गया है। इकाई के शीतलक चैनलों (शीतलक पाइपों) को पुन: स्थापित करने की आवश्यकता है।
कैगा में चार परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को रखरखाव के लिए अक्सर अस्थायी रूप से बंद किया जाता है परन्तु रिएक्टर के शीतलक पाइपों को पुन: जोडऩे की आवश्यकता है, और यह पहली बार है कि पहली इकाई को बंद किया गया है।
भारी जल रिएक्टर युक्त परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण की प्रक्रिया 1989 में शुरू हुई। 1998 में चालू हुई पहली इकाई 220 मेगावाट बिजली उत्पन्न करती है। लगातार 27 वर्षों से बिजली उत्पादन कर रही यह इकाई पहली बार बंद हुई है।
इसी इकाई ने 10 दिसंबर, 2018 को लगातार 962 दिनों तक बिजली पैदा करके विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जिसने इंग्लैंड के हेशाम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की ओर से बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ दिया था।
भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के निदेशक बी. विनोद कुमार ने बताया कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र की पहली इकाई में 306 पाइप हैं जो परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए यूरेनियम बंडलों का परिवहन करते हैं और संयंत्र में तापमान को नियंत्रित करते हैं। उच्च तापमान के कारण इनमें झुकने की सम्भावना रहती है। इन्हें एक निश्चित अवधि के भीतर बदलना चाहिए तथा नए लगाने चाहिए। यह प्रक्रिया हर 25 से 30 साल में होना सामान्य बात है।
उन्होंने कहा कि संयंत्र बंद होने पर शीतलन पाइपों के साथ-साथ उसमें मौजूद अन्य मशीनरी की जांच और मरम्मत की जाती है। इस प्रक्रिया को पूरा होने में एक वर्ष या उससे अधिक समय लग सकता है। परमाणु संयंत्र के शीतलक पाइपों को पुन: जोडऩे में अधिक समय लगता है। यूनिट को एक सप्ताह के लिए बंद किया गया है।