दूसरे चरण का सर्वेक्षण शुरू
हवाई जहाज की तर्ज के ड्रोन का उपयोग
करवार. केंद्र सरकार की “स्वामित्व योजना” योजना के तहत जिले में ड्रोन सर्वेक्षण कार्य का दूसरा चरण शुरू हो गया है, जिसमें भूमि सर्वेक्षण करने के लिए 9 उन्नत ड्रोन विभिन्न स्थानों पर उड़ान भर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने उन्नत तकनीक की मदद से 2022 में ग्रामीण संपत्ति सर्वेक्षण और मानचित्रण (स्वामित्व) परियोजना शुरू की है।
जिले में ड्रोन का उपयोग करके गांवों के सर्वेक्षण का पहला चरण केवल भटकल और होन्नावर में पूरा किया गया है। दूसरे चरण की गतिविधि का शुरू हुए सप्ताह बीत चुका है, जिसमें हैदराबाद की मार्वल जियो स्पेशियल नामक निजी कंपनी उन्नत ड्रोन का उपयोग करके सर्वेक्षण कार्य कर रही है। मुंडगोड, सिद्धापुर, सिरसी और येल्लापुर में दो-दो तथा कारवार में एक ड्रोन का उपयोग करके सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है।
गांव का नक्शा तैयार करने के लिए जानकारी भेजेंगे
मार्वल जियो स्पेशियल के पायलट रजनीश तिवारी ने बताया कि हम प्रत्येक गांव की सीमाओं की पहचान करने के लिए राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मदद से एक इलेक्ट्रॉनिक चिप-आधारित आधार (छोटी मशीन) स्थापित करेंगे। उन गांवों के ऊपर ड्रोन उड़ाए जाते हैं। हम ड्रोन के जरिए बेस पर भेजी गई तस्वीरों की मदद से गांव का नक्शा तैयार करने के लिए जानकारी भेजेंगे।
एक साथ अधिक गांवों का सर्वेक्षण करने के लिए सुविधाजनक
उन्होंने बताया कि हम हवाई जहाज की तर्ज के ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं। यह अधिकतम 120 मीटर की ऊंचाई पर उड़ता है। पायलट (जो ड्रोन को नियंत्रित करता है) उत्पत्ति बिंदु से 8 किमी तक उड़ान भरने में सक्षम है। इसके पंख हवाई जहाज जैसे होने के कारण तेज हवाओं में भी यह आसानी से उड़ता है। यह एक साथ अधिक गांवों का सर्वेक्षण करने के लिए सुविधाजनक है।
कुछ महीनों में सर्वेक्षण पूरा करने का लक्ष्य
स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन का उपयोग करके सर्वेक्षण किया जाता है और संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड एकत्र किया जाता है। इससे संपत्ति का नक्शा प्राप्त करना आसान हो जाएगा। भटकल और होन्नावर तालुकों को छोडक़र शेष 6 तालुकों में ड्रोन सर्वेक्षण चल रहा है। 211 गांवों का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। जिले के सभी 1,298 राजस्व गांवों का सर्वेक्षण कुछ महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है।
–संदीप उप्पार, उपनिदेशक, सर्वेक्षण एवं भू-अभिलेख विभाग