दो साल में 32 कॉलेज खुल
कानूनी सलाहकारों की नियुक्ति से वकीलों की मांग बढ़ी
हुब्बल्ली. कानूनी शिक्षा के लिए भावी छात्र नहीं आ रहे थे इस कारण कई कॉलेज मुश्किल में थे। अब समय बदल गया है। कानून की डिग्री की मांग बढ़ रही है। कॉलेजों की संख्या भी बढऩे लगी है और पिछले दो शैक्षणिक वर्षों में 32 कॉलेजों ने काम करना शुरू कर दिया है।
इसके अलावा करीब 66 कॉलेज सरकार और बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से चार या पांच कॉलेजों को मंजूरी मिल गई है, परन्तु वे काम करना शुरू नहीं कर पाए हैं। अब कानूनी शिक्षा में काफी बदलाव आया है। 3 साल के कोर्स के अलावा 5 साल के कोर्स शुरू होने के बाद से कई छात्र जिन्होंने अपना दूसरा पीयू पूरा कर लिया है, वे कानून की शिक्षा की ओर रुझान दिखा रहे हैं।
कक्षाओं को विभागों में विभाजित किया
सरकारी विभाग, कॉरपोरेट संस्थान, निजी-सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, शहरी स्थानीय निकाय और निजी संस्थाएं कानूनी सलाहकारों को नियुक्त कर रहे हैं, इसलिए वकीलों की मांग बढ़ गई है। विधि विश्वविद्यालय (लॉ यूनिवर्सिटी) के विधि महाविद्यालय (लॉ कॉलेजों) और लॉ स्कूलों में छात्रों का प्रवेश भी बढऩे लगा है। इसके चलते लॉ यूनिवर्सिटी ने अपने लॉ स्कूल में कक्षाओं को विभागों में विभाजित किया है।
3 चरणों में स्वीकृति
नए लॉ कॉलेज के लिए 3 चरणों की स्वीकृति की आवश्यकता होती है। जब इस संबंध में अनुरोध किया जाता है, तो लॉ यूनिवर्सिटी की टीम पहले चरण की स्वीकृति के साथ-साथ अनुरोध प्रस्तुत करने वाले शैक्षणिक संस्थान के बारे में जानकारी एकत्र करना, साइट पर जाकर उसका निरीक्षण करना जैसे दस्तावेज भी देती है। फिर, यह कॉलेज शुरू करने के लिए स्वीकृति की सिफारिश सरकार को भेजती है।
अधिसूचना जारी कर अपनी स्वीकृति
सरकार प्रस्ताव की समीक्षा कर अपनी स्वीकृति देती है। नए लॉ कॉलेज की शुरुआत के लिए लॉ यूनिवर्सिटी और राज्य सरकार से ज्यादा बार काउंसिल ऑफ इंडिया की स्वीकृति और नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। इसकी स्वीकृति मिलने के बाद ही लॉ यूनिवर्सिटी कॉलेज में कक्षाएं शुरू करने के लिए अधिसूचना जारी कर अपनी स्वीकृति का संकेत देती है।
बेंगलूरु का बड़ा हिस्सा
राज्य में शुरू किए गए 32 नए लॉ कॉलेजों में से बेंगलूरु को सबसे ज्यादा हिस्सा मिला है, जिसमें से 14 कॉलेज शुरू हो चुके हैं। विजयपुर और मूडबिदिरे में 2-2 लॉ कॉलेज शुरू किए गए हैं, वहीं हुब्बल्ली, कोप्पल, तिपटूर, कोलार, गंगावती, इलकल, मैसूर, राणेबेन्नूर, तालीकोटे, चामराजनगर, गदग, मास्ती (कोलार जिला) में भी कॉलेज शुरू किए गए हैं। इनमें से कुछ कॉलेजों ने 3 और 5 साल के कोर्स शुरू किए हैं, तो कुछ ने 3 साल के कोर्स शुरू किए हैं। एलएलबी, बीए-एलएलबी, बीकॉम-एलएलबी, बीबीए-एलएलबी कोर्स पढ़ाए जा रहे हैं।
25 नए कॉलेज शुरू होने की उम्मीद
कानूनी क्षेत्र में अवसरों में वृद्धि और कानून की डिग्री के बारे में जागरूकता के कारण, कानून की डिग्री के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है। विधि विश्वविद्यालय की ओर से भी कानूनी शिक्षा के बारे में जागरूकता कार्य किया जा रहा है। चालू शैक्षणिक वर्ष में लगभग 25 नए कॉलेज शुरू होने की उम्मीद है।
–प्रो. सी. बसवराजू, कुलपति, कर्नाटक विधि विश्वविद्यालय