स्ट्रोक और सिर में गंभीर चोट वाले मरीजों के उपचार और देखभाल
राज्य में और 6 स्थानों पर शुरू होंगे केंद्र
हुब्बल्ली. लकवा (स्ट्रोक) और सिर में गंभीर चोट वाले मरीजों के उपचार और देखभाल के लिए राज्य का पहला “स्पोक” केंद्र शहर के कर्नाटक मेडिकल कॉलेज और अनुसंधान संस्थान (केएमसीआरआई) में शुरू होगा।
राज्य सरकार ने राज्य में कुल 7 स्थानों पर ऐसे केंद्र शुरू करने का फैसला किया है और बजट में इसकी घोषणा भी कर दी है।
मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। उत्तर कर्नाटक के “बड़े अस्पताल” के रूप में जाने जाने वाले केएमसीआरआई में शुरू होने वाला यह पहला केंद्र है। यह बेंगलूरु, मैसूर, बेलगावी, मेंगलूरु, रायचूर में शुरू किए जाने वाले केंद्रों के लिए एक मॉडल होगा।
12.87 करोड़ रुपए देने की मंजूरी
हुब्बल्ली में केएमसीआरआई के पास “स्पोक” के लिए आवश्यक भवन और अन्य बुनियादी सुविधाएं हैं। स्ट्रोक के मरीजों को थ्रोम्बोलिसिस थेरेपी देने के लिए अतिरिक्त मशीनों और संबंधित उपकरणों की जरूरत है। सरकार इन मशीनों के लिए 12.87 करोड़ रुपए देने पर पहले ही सहमत हो चुकी है।
गोल्डन ऑवर
न्यूरोलॉजिस्ट का कहना है कि यदि स्ट्रोक पीडि़तों को 3 घंटे के गोल्डन ऑवर के भीतर उपचार मिल जाए तो उनके ठीक होने और सामान्य होने की संभावना अधिक होती है। यदि देरी होती है तो शरीर के 1 लाख करोड़ तंत्रिका समूहों में से करीब 19 लाख तंत्रिका तंतुओं को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। ऐसे समय में यह केंद्र मदद के लिए आगे आएगा। वहीं स्ट्रोक पीडि़त यदि आठ घंटे के भीतर भी उपचार के लिए आते हैं तो भी उन्हें थ्रोम्बोलिसिस थेरेपी देनी होगी। इसके लिए डीएसए मशीन की जरूरत होती है। अब सरकार इस मशीन की खरीद के लिए धन मुहैया करा रही है परन्तु यह पक्के तौर पर कहना संभव नहीं है कि थेरेपी पाने वाले सभी लोग पूरी तरह ठीक हो जाएंगे या सामान्य हो जाएंगे।
एक्सपेरीमेंटल वार्ड
केएमसीआरआई में न्यूरोपैथी से संबंधित बाह्य रोगियों की सप्ताह में तीन दिन जांच की जाती है। हर सोमवार को 200 से अधिक लोग आते हैं और बुधवार और शुक्रवार को 140-160 लोग आते हैं। हर महीने 90-100 मरीज आते हैं। स्पोक के पूरक तौर पर 15 बिस्तरों वाला प्रायोगिक वार्ड पहले ही शुरू किया जा चुका है। इस महीने अकेले तीन घंटे के भीतर तीन स्ट्रोक पीडि़त आए, दो पूरी तरह ठीक हो गए। एक और ठीक हो रहा है।
केएमसीआरआई बनेगा हब
शुरू होने वाला “स्पोक” केंद्र अगले डेढ़ साल में उत्तर कर्नाटक के छह या सात जिलों के लिए “स्पोक हब” के तौर पर काम करेगा। आसपास के जिले में अगर कोई स्ट्रोक से पीडि़त है, तो उसे तुरंत प्राप्त सूचना के आधार पर फोन पर सलाह दी जाएगी। सीटी स्कैन कराने, उसकी रिपोर्ट देखने और जरूरी इलाज बताने के साथ ही अगर जरूरत पड़ी तो मरीज को केएमसीआरआई लाने की सलाह दी जाएगी। यह केंद्र चौबीस घंटे काम करेगा।
जुलाई में “स्पोक” सेंटर उद्घाटन की उम्मीद
निमहांस के सहयोग से “स्पोक” सेंटर का प्रबंधन किया जाएगा। सेंटर के प्रबंधन के लिए न्यूरोलॉजिस्ट, सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट और प्रशिक्षकों की एक समिति बनाई गई है। सभी न्यूरोलॉजिकल उपचार एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या की ओर से जुलाई में इस पहले “स्पोक” सेंटर का उद्घाटन करने की उम्मीद है।
– एस.एफ. कम्मार, निदेशक, केएमसीआरआई