बल्लारी. शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के कई लोगों का सपना है कि वे आहार (फूड प्रोसेसिंग) उद्योग शुरू करें। इसके लिए 9 लाख रुपए तक का बैंक ऋण उपलब्ध कराने की एक योजना है। लोग इसके बारे में अधिक जानकारी लेकर छोटे आहार उद्योग शुरू कर सकते हैं।
कृषि विभाग, जिला प्रशासन, जिला पंचायत और केपेक संस्था के सहयोग से बल्लारी जिला पंचायत के नज़ीर साब सभागार में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण औपचारिकीकरण योजना (पीएमएफएमई) के तहत जिला स्तरीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया था।
पीएमएफएमई योजना के तहत, यदि कोई व्यक्ति सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग शुरू करना चाहता है तो मात्र 1 लाख रुपए की पूंजी लगाकर 10 लाख रुपए की पूंजी वाला उद्योग शुरू कर सकता है।
बल्लारी जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद हैरिस सुमैर ने जानकारी देते हुए कहा कि सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग शुरू करने के लिए 9 लाख रुपए का बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें से 5 लाख रुपए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अनुदान के रूप में मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि यह केवल 1 लाख रुपए लगाकर 10 लाख रुपए की पूंजी वाला उद्योग शुरू करने का सुनहरा अवसर है। यह बड़े सपने की ओर छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कदम है, इसलिए सभी को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए।
अपर जिलाधिकारी मोहम्मद एन. जुबैर ने कहा कि “पीएमएफएमई योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण पर जोर देने से महिलाएं अपने घर से ही ज्वार की रोटी, चकली, नमकीन, पापड़, सांडगे और अन्य उत्पाद बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त हो सकती हैं।”
किसान यदि इस योजना का लाभ उठाते हैं तो अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं। चूंकि यह योजना केवल 1 वर्ष के लिए लागू है, इसलिए किसानों, किसान महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को बड़ी संख्या में आगे आकर लाभ उठाना चाहिए।
पीएमएफएमई योजना कुल 5 वर्षों के लिए है — 2020-21 से 2024-25 तक। इसे 1 वर्ष के लिए बढ़ाया गया है। कर्नाटक में 5 हजार लाभार्थियों को अनुदान देने का लक्ष्य है।
यह सूक्ष्म उद्योग शुरू करने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। कर्नाटक में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए कृषि विभाग को नोडल विभाग और केपेक संस्था को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है।