गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व स्वच्छता अभियान के केंद्र बनें विश्वविद्यालयविजयनगर श्रीकृष्णदेवराय विश्वविद्यालय के 13वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में शिक्षा, साहित्य, स्वास्थ्य और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. वसुंधरा भूपति, बी. नागनगौड़ा और इरफान रजाक को मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।

राज्यपाल ने किया आह्वान

बल्लारी. कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने विश्वविद्यालयों से आह्वान किया कि वे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता अभियान में भी सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दो माह में एक बार विश्वविद्यालय परिसरों में स्वच्छता अभियान चलाया जाना चाहिए।

राज्यपाल गुरुवार को विजयनगर श्रीकृष्णदेवराय विश्वविद्यालय के 13वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कथन – “राष्ट्र का निर्माण शैक्षणिक संस्थानों में होता है” की भावना के अनुरूप विश्वविद्यालयों को नवाचार, अनुसंधान और विकास का केंद्र बनाना होगा तथा अंत:विषयक और अंतर-विश्वविद्यालयीय सहयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि 21वीं सदी की आवश्यकता डिजिटल साक्षरता, नवीन सोच, वैश्विक दृष्टिकोण और सामाजिक उत्तरदायित्व को विकसित करना है। युवाओं को केवल नौकरी चाहने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनना चाहिए। स्वामी विवेकानंद के शब्दों “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए” को उद्धृत करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग कर राष्ट्र को विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान दें।

समारोह में शिक्षा, साहित्य, स्वास्थ्य और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. वसुंधरा भूपति, बी. नागनगौड़ा और इरफान रजाक को मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके अलावा स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाओं में स्वर्ण पदक विजेताओं सहित सफल छात्रों को उपाधियां प्रदान की गईं।

इस अवसर पर अंतर-विश्वविद्यालय त्वरण केंद्र (नई दिल्ली) के निदेशक प्रो. अविनाशचंद्र पांडे, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम. मुनिराजू और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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