सागर जिले में सिद्धापुर को शामिल करने के प्रस्ताव पर आपत्ति विधायक बेलूरु गोपालकृष्ण।

विधायक गोपालकृष्ण ने छेड़ा विवाद

सिरसी (उत्तर कन्नड़). उत्तर कन्नड़ जिले से सिद्धापुर तालुक को अलग करने और उसे प्रस्तावित सागर जिले में मिलाने के सुझाव पर तीव्र आपत्ति जताई जा रही है। यह प्रस्ताव पड़ोसी शिवमोग्गा जिले के सागर क्षेत्र के विधायक बेलूरु गोपालकृष्ण ने रखा है।

विधायक ने हाल ही में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि नया सागर जिला बनाया जाए और इसमें सागर, सोराब, होसनगर, शिकारीपुर तालुकों के साथ सिद्धापुर तालुक भी जोड़ा जाए परन्तु इस संबंध में न तो सिद्धापुर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से राय ली गई और न ही जनता की रायशुमारी की गई। इससे नया विवाद खड़ा हो गया है।

“सिद्धापुर की ओर नजर क्यों?”

स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि विधायक शिवमोग्गा जिले से नया सागर जिला बनाना चाहते हैं तो बना लें, इसमें सिद्धापुर की जनता को कोई आपत्ति नहीं परन्तु इसके लिए सिद्धापुर की ओर नजर डालने की क्या जरूरत है? इससे अनावश्यक विवाद खड़ा होगा और सागर, सिद्धापुर और सिरसी क्षेत्र के मधुर रिश्तों में खटास आ जाएगी।

सिरसी से गहरा जुड़ाव

सिद्धापुर तालुक का सिरसी के साथ व्यापार और अन्य मामलों में गहरा संबंध है। यही कारण है कि यह क्षेत्र सिरसी अलग जिला बनाने की चल रही मांग में पहले से शामिल है। अतीत में भी शिकारीपुर जिले की बात उठी थी, तब भी सिद्धापुर और बनवासी के कुछ हिस्से उसमें जोडऩे का प्रस्ताव आया था, जिसका विरोध किया गया था। अब फिर से इसे किसी अन्य जिले में मिलाने की बात क्यों उठाई जा रही है, यह सवाल आंदोलन समिति के नेताओं ने उठाया है।

सिद्धापुर की संस्कृति और परंपराएं पूरी तरह उत्तर कन्नड़ जिले से मेल खाती हैं। इसलिए यहां के लोग सिरसी जिले की मांग कर रहे थे और प्रशासनिक स्तर पर उसे आंशिक समर्थन भी मिला था परन्तु राजनीतिक परिस्थितियों में बदलाव के बाद अब कोई इस पर बात नहीं कर रहा।

हम सिरसी जिले की मांग कर रहे थे

सिद्धापुर तालुक की संस्कृति और परंपराएं उत्तर कन्नड़ से जुड़ी हैं। हम सिरसी जिले की मांग कर रहे थे। अब यह जानना जरूरी है कि तालुक के लोगों की राय क्या है।
सी.एस. गौडर, अध्यक्ष, निवृत्त कर्मचारी संघ, सिद्धापुर

आगे की रणनीति तय की जाएगी

सागर विधायक का प्रस्ताव मैंने मीडिया में देखा है। जल्द ही सिरसी जिला आंदोलन समिति की बैठक होगी। इसमें जनता की राय ली जाएगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी।
-वीरभद्र नाइक मलवल्ली, अध्यक्ष, कृषक समाज, सिद्धापुर

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