बीदर. जिले के औराद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गुंडप्पा बिरादार (वकील) डिजिटल ठगी का शिकार होकर 12 से 19 अगस्त के बीच कुल 30.99 लाख रुपए गंवा बैठे। इस अनोखे मामले को साइबर अपराध जगत में ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ से जुड़ा दुर्लभ मामला बताया जा रहा है।
ठगी की पृष्ठभूमि
पूर्व विधायक ने साइबर थाने में दर्ज शिकायत में कहा कि 12 अगस्त को एक व्यक्ति ने उन्हें मोबाइल नंबर 84649 88135 से कॉल किया और खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। उसने कहा कि जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के घर और दफ्तर पर छापे के दौरान उनके नाम से बैंक खाते और डेबिट कार्ड मिले हैं और वे अवैध धन लेन-देन में शामिल हैं। इसके साथ ही, उनके खिलाफ मुंबई में मामला दर्ज होने और गिरफ्तारी की धमकी भी दी गई।
बिरादार ने बताया कि कॉलर ने उनका व्यक्तिगत और संपत्ति से जुड़ा पूरा ब्यौरा जुटाकर विश्वास दिलाया और वीडियो कॉल पर नकली पुलिस स्टेशन, पहचान पत्र, गिरफ्तारी वारंट तथा उनके खिलाफ मामला दर्ज होने की फाइल तक दिखा दी। अगले दिन उन्हें वीडियो कॉल के जरिए नकली ‘जज’ के सामने पेश किया गया। वहां कथित सुनवाई के बाद उन्हें निर्दोष घोषित करने की शर्त पर पुलिस की ओर से बताए गए खाते में 10.99 लाख आरटीजीएस से जमा करने का आदेश दिया गया, जिसका उन्होंने पालन किया।
कैसे गंवाए लाखों रुपए
14 अगस्त से ठग नीरेज कुमार और एक अन्य व्यक्ति संदीप कुमार रोजाना वीडियो कॉल पर पूछताछ करते रहे। उन्होंने बिरादार और उनके परिवार के बैंक खातों की जानकारी जुटाई। 18 अगस्त को फिर वीडियो कॉल पर नकली जज के सामने पेश कर उनसे कहा गया कि ईडी और सीबीआई जांच के लिए 20 लाख रुपए जमा करने होंगे। ठगों ने वादा किया कि खाते की जांच के बाद पैसा लौटा दिया जाएगा। इस पर बिरादार ने 20 लाख रुपए और जमा कर दिए। इस तरह कुल 30.99 लाख रुपए गंवा बैठे। दो दिन बाद उन्हें एहसास हुआ कि वे ठगी के शिकार हो गए हैं। उन्होंने इस बारे में अपने परिवार और मित्रों को बताया और फिर साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
मामला दर्ज
पुलिस ने इस संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी और ठगी का मामला दर्ज किया है। स्थानीय पुलिस ने पुष्टि की कि मामला दर्ज हो चुका है और आगे की जांच जारी है।
