शिवमोग्गा. विधायक एवं पूर्व गृह मंत्री आरग ज्ञानेंद्र ने कहा कि अपनी प्रतिष्ठा के लिए अनावश्यक रूप से बंद का आह्वान किया है। कोई कहीं बैठकर करेंगे तो क्या होगा? कर्नाटक बंद नहीं होगा।
तीर्थहल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ज्ञानेंद्र ने कहा कि आज एसएसएलसी की परीक्षा भी है। ऐसा बंद नहीं होता, और ऐसा होना भी नहीं चाहिए। कुछ असामजिक ताकतों के काम के लिए हम अपनी जनता और बच्चों को क्यों परेशान करें?
उन्होंने कहा कि बेलगावी में चार गुंडों की ओर से किए गए कार्य के लिए पूरे मराठा समुदाय ने किया हैं ऐसा नहीं कहा जा सकता। अगर हमारे कर्नाटक में चार लोग कुछ गलत करते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि पूरे कर्नाटक ने ऐसा किया है। इसके लिए पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए।
ज्ञानेंद्र ने कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र, क्या भारत और पाकिस्तान हैं? इस तरह की फूट डालो और राज करो की नीति नहीं करनी चाहिए। किसी को भी एक दूसरे के खिलाफ बढ़ावा देने का कार्य नहीं होना चाहिए। दोनों राज्यों को गैर कानूनी तौर पर काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
क्या गृह मंत्रालय जीवित है? – पूर्व गृह मंत्री का सवाल
आरग ज्ञानेंद्र ने कहा कि क्या गृह मंत्रालय जीवित है? हाल के दिनों में हम यही महसूस कर रहे हैं। पुलिस को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए थी। अब स्थिति ऐसी है कि पुलिस की सुरक्षा के लिए ही सेना को लाया जा रहा है। उन्हें ही सुरक्षा नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैसूर में एक आईपीएस अधिकारी का वाहन क्षतिग्रस्त कर दिया गया। एक हजार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सत्रह लोगों को गिरफ्तार करने पर उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का पुलिस पर दबाव था। जिस अधिकारी ने मामला दर्ज नहीं किया उसे नौकरी से निकाल दिया गया है। एक समुदाय के लोग कुछ भी कर सकते हैं ऐसा समझ लिया है।
ज्ञानेंद्र ने कहा कि शांति और व्यवस्था खत्म हो गई है। कितनी आत्महत्याएं हुई हैं? कितने सरकारी कर्मचारी आत्महत्या कर रहे हैं? पूरे राज्य में शांति और व्यवस्था एक मृगतृष्णा बनी हुई है। पुलिस ड्रग्स, तस्करी, रियल एस्टेट और ऐसे अन्य मामलों में संलिप्त है। इसके चलते पुलिस अब पुलिस नहीं रही। पिछले दो वर्षों में विभाग बर्बाद हो गया है।