चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश ने संपत्ति का हस्तांतरण रद्द करने का दिया निर्देश
कलबुर्गी. चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश पाटिल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने उन अमानवीय कृत्यों पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए हैं, जो बच्चों को जन्म देने वाले माता-पिता को अनाथ बना रहे हैं।
हाल ही में कर्नाटक में बुजुर्ग माता-पिताओं की संपत्ति अपने नाम पर स्थानांतरित कर रहे बच्चे इलाज के बहाने अपने माता-पिता को सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में छोडक़र जा रहे हैं। कर्नाटक राज्य भर के अन्य चिकित्सा संस्थानों में ऐसे 100 से अधिक मामले सामने आए हैं। मंत्री ने वसीयत और संपत्ति हस्तांतरण को रद्द करने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
इस संबंध में मामले सामने आते ही चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) ने सहायक आयुक्त (राजस्व उप-मंडल) को तत्काल शिकायत दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने परित्यक्त माता-पिता से अपने बच्चों के पक्ष में की गई वसीयत और संपत्ति हस्तांतरण को रद्द करने का आह्वान किया है। उन्होंने चिकित्सा संस्थानों के निदेशकों को सहायक आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराने का निर्देश दिया है ताकि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
वरिष्ठ नागरिक अधिनियम की धारा 23 के अनुसार, यदि बच्चे संपत्ति प्राप्त करने के बाद अपने माता-पिता की उपेक्षा करते हैं या उन्हें त्याग देते हैं, तो अधिनियम वसीयत या संपत्ति के हस्तांतरण को रद्द करने और बुजुर्ग माता-पिता को स्वामित्व पुन: प्राप्त करने की अनुमति देता है।