कलबुर्गी. भारत सहित दुनिया भर के सभी हवाई अड्डों पर सुरक्षित और कुशल संचालन पर जोर देने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) की हवाई अड्डा संचालन एवं योजना उपसमिति की नौवीं वैश्विक बैठक हाल ही में बेंंकॉक, थाईलैंड में आयोजित की गई थी।
कलबुर्गी हवाई अड्डे के निदेशक चिलक महेश के नेतृत्व में भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के दो अधिकारियों और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के पांच अधिकारियों सहित समिति के सदस्यों ने इस बैठक में भाग लिया था।
कोविड के बाद के दौर में विमानन क्षेत्र के तीव्र विकास के मद्देनजर, हवाई अड्डों के बुनियादी ढांचे पर दबाव बढ़ गया है। इस संदर्भ में, बैठक में भाग लेने वाले सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने यात्रियों की सुरक्षा के पूरक के रूप में हवाई अड्डों के सुचारू संचालन में प्रौद्योगिकी के उचित उपयोग पर अधिक जोर देने की आवश्यकता पर अपनी शोध रिपोर्ट प्रस्तुत करके ध्यान आकर्षित किया।
बैठक में कलबुर्गी हवाई अड्डे के निदेशक चिलक महेश की ओर से प्रस्तुत डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजी पर शोध रिपोर्ट की सराहना की गई। इस तकनीक, जो मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन तकनीक के संयोजन के रूप में काम करती है, इसके उपयोग से हवाई अड्डे के संचालन की बारीकी से निगरानी संभव होगी। चिलक महेश अपने व्याख्यान में विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि यह डिजिटल साइबर सुरक्षा और कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए निर्बाध सिमुलेशन के उचित उपयोग पर प्रकाश डालेगी।
इससे उन्नत, सुरक्षित और खुली सूचना साझाकरण संभव होगा, जिससे कुशल और स्थितिस्थापक हवाई अड्डों का निर्माण संभव होगा।
उन्होंने प्रतिभागियों को अपनी शोध रिपोर्ट के लाभों के बारे में यह भी आश्वस्त किया कि इससे वित्तीय बोझ भी कम होगा। हवाई अड्डे के प्रदर्शन, सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और पायलटों व हवाई यातायात नियंत्रण कर्मियों के प्रशिक्षण में डिजिटल ट्विन तकनीक के उपयोग को मान्यता मिलेगी और यात्री सुरक्षा के प्रति सजगता सुनिश्चित होगी।
इस तकनीक के उचित उपयोग से सटीक
निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी। यह उड़ानों के आगमन और प्रस्थान कार्यक्रम, क्षमता प्रबंधन और जोखिम मूल्यांकन को समझने में, सामान प्रबंधन और हवाई अड्डे के आसपास की गतिविधियों पर निरंतर निगरानी में मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि उड़ानों की आवाजाही के साथ-साथ स्टेशन की गतिविधियों की स्वचालित रिकॉर्डिंग, हवाई अड्डे पर वाहनों और विमानों की आवाजाही की निगरानी और संभावित देरी के बारे में चेतावनी देना भी बहुत आसान हो जाएगा।