10,000 से अधिक लोगों की बचाई जान
तीन वर्षों में 73,088 अग्नि आपातकालीन कॉल
हुब्बल्ली. अग्नि दुर्घटनाओं, भवन ढहने, रसोई गैस रिसाव, जल संकट और प्राकृतिक आपदाओं जैसी स्थितियों में बचाव कार्यों में अपनी जान की परवाह किए बिना अथक परिश्रम करने वाले राज्य आपातकालीन एवं अग्निशमन विभाग ने पिछले तीन वर्षों में 4,050 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति की रक्षा की है और 10,000 से अधिक लोगों की जान बचाई है।
बेंगलूरु सहित राज्य में 219 अग्निशमन केंद्र हैं और आवश्यकतानुसार आपातकालीन स्थितियों में अग्निशमन गाडिय़ां, अग्नि (दोपहिया वाहन), वरुण (त्वरित संचालन वाहन) तथा अन्य बचाव वाहन और उपकरण उपयोग में लाए जाते हैं। विभाग की हेल्पलाइन पर पिछले तीन वर्षों में 73,088 अग्नि आपातकालीन कॉल प्राप्त हुईं हैं।
आग को जल्दी बुझाने पर 2022 में 238 करोड़ रुपए, 2023 में 404 करोड़ रुपए और 2024 में 330 करोड़ रुपए लागत की भारी मात्रा में संपत्ति का नुकसान हुआ है। इसी प्रकार, 2022 में 787 करोड़ रुपए, 2023 में 1,752 करोड़ रुपए और पिछले वर्ष 2024 में 1,500 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की सम्पत्तियों की रक्षा की गई है।
10 हजार से अधिक लोगों को बचाया
विभाग के अधिकारियों के अनुसार अत्याधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके 3 वर्षों में 10,181 लोगों की जान बचाई गई है। इनमें से 1,016 लोगों को आग से बचा लिया गया। इनमें से 4,179 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें से 169 की मृत्यु आग लगने से हुई।
कहां, और क्यों लगी आग?
अग्निशमन अधिकारियों ने बताया कि चामराजनगर, मैसूर, कोडगु, शिवमोग्गा, बेलगावी और चिक्कमगलूरु सहित वन क्षेत्रों में जंगल की आग देखी जा रही है, वहीं उत्तर कर्नाटक और मैदानी जिलों के शुष्क क्षेत्रों में औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों में शॉर्ट सर्किट, सिलेंडर विस्फोट और अन्य कारणों सहित मानवीय लापरवाही के कारण आग दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है। गर्मी के कारण वन क्षेत्रों में आग लगने तथा औद्योगिक व आवासीय क्षेत्रों में लोगों की लापरवाही के कारण आग आपदा कॉल में वृद्धि हुई है।
सावधान रहे जनता
विभाग की पहली प्राथमिकता आपदा प्रबंधन के साथ-साथ मानव सुरक्षा भी है। इसी तरह, 3 वर्षों में हजारों लोगों की जान बचाई गई है। गर्मी के बढ़ते ही अग्नि आपातकालीन कॉलों में वृद्धि हो रही है। जनता को सावधान रहना चाहिए।
–टी.एन. शिवशंकर, निदेशक, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा विभाग, बेंगलूरु