सार्वजनिक-निजी सहभागिता में योजना लागू करने को आगे आया नगर निगम
हुब्बल्ली. हुब्बली-धारवाड़ क्षेत्र के सभी सडक़ (स्ट्रीट) लाइट खंभों पर जल्द ही एलईडी (लाइट एमिटिंग डायोड) लाइट्स लगाने की योजना को महानगर निगम ने मंजूरी दी है और इसके लिए टेंडर आमंत्रित किया गया है।
वर्तमान में अधिकांश स्थानों पर एसवीएल (सोडियम वेपर लाइट), ट्यूब लाइट और कुछ स्थानों पर ही एलईडी लाइट्स लगी हुई हैं, जिनसे पर्याप्त रोशनी नहीं मिल रही है। कई सडक़ों पर खंभे तो हैं परन्तु लाइट्स नहीं लगी हैं, और इस संबंध में नागरिकों की ओर से नगर निगम अधिकारियों को काफी शिकायतें मिली हैं।
इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत एलईडी लाइट्स लगाने की योजना को लागू किया जा रहा है।
बड़े पैमाने पर लगाया जा रहा एलईडी लाइट्स
जुड़वां शहरों की मुख्य सडक़ों, कॉलोनियों, उद्यानों और सार्वजनिक स्थलों पर 64,000 से अधिक लाइटें रात में जलती हैं। इसके लिए नगर निगम हर महीने लगभग 2 करोड़ रुपए की बिजली बिल का भुगतान कर रहा है। राज्य की अन्य नगर निगमों की तुलना में हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम सबसे ज्यादा बिजली बिल चुका रहा है। इसी खर्च को कम करने के लिए एलईडी लाइट्स को बड़े पैमाने पर लगाया जा रहा है।
जुलाई के अंत तक ठेका तय हो जाएगा
अधिकारियों का कहना कि बेंगलूरु, मैसूर, बेलगावी जैसे नगर निगमों ने पहले ही एलईडी लाइट्स लगाना शुरू कर दिया है। अब हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम ने करीब 93 करोड़ रुपए की लागत वाली योजना तैयार की है और इसके लिए टेंडर आमंत्रित किया गया है। दो निजी कंपनियों ने भाग लिया है और जुलाई के अंत तक ठेका तय हो जाएगा।
बिजली की बचत
महानगर निगम के इंजीनियरों का कहना है कि सार्वजनिक लाइट खंभों पर वर्तमान में लगे एसवीएल लाइट्स की जगह यदि एलईडी लाइट्स लगाई जाती हैं, तो बिजली की खपत आधी रह जाएगी। अभी 120 वॉट के एसवीएल बल्ब उपयोग में लिए जा रहे हैं, जबकि एलईडी इससे कम वॉट में भी पर्याप्त रोशनी देते हैं।
समस्याओं का शीघ्र समाधान मिलेगा
हर साल नई कॉलोनियां बनती जा रही हैं, और नई सडक़ों पर लाइट्स लगाना जरूरी हो जाता है। पीपीपी मॉडल के तहत हर साल 5 प्रतिशत नए खंभों और लाइट्स को लगाने का प्रावधान रखा गया है। पूरा शहर एलईडी लाइट्स से रोशन करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे सडक़ लाइट से जुड़ी समस्याओं का शीघ्र समाधान मिलेगा।
–एस.एन. गणाचारी, कार्यकारी अभियंता, हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम
निजी कंपनी को क्या फायदा?
अधिकारियों ने बताया कि यह योजना इसलिए उल्लेखनीय है कि एलईडी लाइट्स लगाने के लिए नगर निगम को कोई अतिरिक्त खर्च नहीं करना है। अनुमानित 93 करोड़ रुपए की लागत पूरी तरह से निजी कंपनी वहन करेगी और लगभग 7 वर्षों तक रख-रखाव की जिम्मेदारी निभाएगी। नगर निगम हर महीने जो 2 करोड़ रुपए बिजली बिल देती है, एलईडी लाइट्स के बाद उस खर्च में जो बचत होगी, उसे किस्तों में निजी कंपनी को भुगतान किया जाएगा। यानी, बिजली बिल में होने वाली बचत ही कंपनी का मुनाफा होगी।