मिल-जुलकर रहने का संदेश देता है जैन धर्महुब्बल्ली के तेरापंथ भवन में रविवार को दो आध्यात्मिक धाराओं का मिलन हुआ।

दो आध्यात्मिक धाराओं का मिलन

तेरापंथ भवन में अनूठा आयोजन

हुब्बल्ली. मुनि विनीत कुमार ने कहा कि जैन समाज में अनेक चारित्र आत्माएं अपनी साधना के साथ-साथ श्रद्धालुओं को भी आध्यात्मिक जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान कर रही हैं। जैन धर्म आपस में मिल-जुलकर रहने का संदेश देता है।

मुनि ने कहा कि आज परम प्रसन्नता का दिन है कि दो समुदाय की चारित्र आत्माएं एक स्थान पर एकत्र हुई हैं। इससे संपूर्ण विश्व में जैन धर्म की एकजुटता का परिचय मिलता है। भगवान महावीर का शासन ‘जिन शासन’ है, जिसमें अनगिनत चारित्र आत्माएं साधना करते हुए समाज को आध्यात्मिक जीवन की प्रेरणा और प्रशिक्षण दे रही हैं।

इस अवसर पर श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ दादावाड़ी, हुब्बल्ली में चातुर्मासरत साध्वी चंपाश्री एवं अन्य साध्वियां तेरापंथ भवन पधारीं। उन्होंने मुनि विनीत कुमार एवं मुनि पुनीत कुमार से क्षमायाचना की।

साध्वी चंपाश्री ने कहा कि संपूर्ण जैन समाज को आपसी एकजुटता के साथ कार्य करना चाहिए।

सामूहिक क्षमायाचना का पर्व

संपूर्ण जैन समाज ने हाल ही में एक बड़ा पर्व आयोजित कर आपसी क्षमायाचना का संदेश दिया। इस पर्व ने समाज में सौहार्द और आत्मीयता को और सुदृढ़ किया।

इस प्रकार हुब्बल्ली तेरापंथ भवन में आयोजित यह कार्यक्रम दो आध्यात्मिक धाराओं के मिलन का सजीव उदाहरण बन गया।

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