टपकती स्कूल की छतनवलगुंद तालुक के बल्लूर गांव में सरकारी प्राथमिक विद्यालय परिसर में जमा हुआ बारिश का पानी।

29 मई को फिर से खुलेंगे स्कूल

580 स्कूल कमरों को बड़ी मरम्मत की आवश्यकता

शिक्षा विभाग कर रहा जर्जर कमरों की मरम्मत का कार्य

हुब्बल्ली. गर्मी की छुट्टियां खत्म हो गई हैं और स्कूल 29 मई को फिर से खुलने वाले हैं, छात्र नए जोश के साथ स्कूल लौटने की तैयारी कर रहे हैं परन्तु अभिभावकों को चिंता है कि जिले के अधिकांश कक्षाओं की मरम्मत की जरूरत है, जिसका छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

जिले में मानसून की बारिश शुरू हो चुकी है और लगातार हो रही है। इससे स्कूल के कमरों में कई जगह पानी टपक रहा है। कुछ स्थानों पर स्कूल के जर्जर कमरे ढहने की स्थिति में हैं। जिलाधिकारी दिव्य प्रभु के निर्देशन में शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों की पहचान की है और गर्मी की छुट्टियों के दौरान कुछ स्कूलों के कमरों की मरम्मत का काम भी करवाया गया है परन्तु स्कूल के अधिकांश कमरे अभी भी मरम्मत कार्य की प्रतीक्षा में हैं।

580 स्कूल कमरों को बड़ी मरम्मत की आवश्यकता

जिले में 735 प्राथमिक विद्यालय और 112 हाई-स्कूल हैं। इन 2,528 स्कूल कक्षों में से केवल 1,490 ही अच्छी स्थिति में हैं। शेष 259 स्कूल कमरों में दरवाजे, शौचालय, खिड़कियां, दीवारें और बिजली सहित छोटी-मोटी मरम्मत की गई है। 580 स्कूल कमरों को बड़ी मरम्मत की आवश्यकता है।

15.38 करोड़ रुपए के अनुदान की जरूरत

शिक्षा विभाग का कहना है कि 173 स्कूल कमरे खतरनाक स्थिति में हैं और उन्हें ध्वस्त कर पुन: निर्मित करने की आवश्यकता है। कलघटगी, धारवाड़ शहर और धारवाड़ ग्रामीण में सबसे अधिक संख्या में स्कूल कक्षों की मरम्मत की आवश्यकता है परन्तु इन सबके लिए 15.38 करोड़ रुपए के अनुदान की जरूरत है।

अभी भी 58 कमरों की मरम्मत लंबित

वर्ष 2024-25 में विवेक योजना के तहत 147 विद्यालयों में कमरों की मरम्मत के लिए अनुदान स्वीकृत हुआ है, परन्तु अभी तक केवल तीन कार्य ही पूरे हुए हैं, जबकि 86 कमरों की मरम्मत का कार्य प्रगति पर है। अभी भी 58 कमरों की मरम्मत लंबित है।

कमरों की मरम्मत कराएं

छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि हर साल बरसात के मौसम में स्कूल के कमरों से पानी टपकता है, जिससे छात्रों की पढ़ाई में काफी दिक्कतें आती हैं। तब दो-तीन कक्षाओं के विद्यार्थियों को एक सुव्यवस्थित कमरे में या सामुदायिक भवन, मंडप या मंदिर में पढ़ाया जाता है। गर्मियों के दौरान, छात्र लगातार स्कूल के मैदान और छत पर धूप में पढ़ाई करते रहते हैं। शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को स्कूल शुरू होने से पहले कमरों की मरम्मत करानी चाहिए।

क्षतिग्रस्त स्कूलों की पहचान

डीडीपीआई कार्यालय के उप परियोजना समन्वयक एस.एम. हुडेदमनी ने कहा कि पिछले बरसात के दौरान जिले में क्षतिग्रस्त हुए प्रमुख स्कूलों की पहचान कर ली गई है। पंचायत राज इंजीनियरिंग विभाग को समग्र शिक्षा कर्नाटक (एसएसके) और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) से अनुदान के तहत स्कूल की मरम्मत का काम सौंपा गया है। कार्य की निगरानी के लिए जिला स्तर पर एक टीम गठित की गई है।

अनुदान मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार से किया अनुरोध

जिले के प्रत्येक ब्लॉक से लगभग 10 से 12 स्कूलों को मरम्मत कार्य के लिए चिन्हित किया गया है और काम शुरू किया गया है। स्कूल शुरू होने से पहले इसे पूरा करने की सलाह दी गई है। शिक्षा विभाग ने कक्षाओं की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए अनुदान मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया है। यदि सरकार अनुदान को मंजूरी दे देती है तो स्कूल भवनों के विकास के लिए शीघ्र ही कदम उठाए जाएंगे।

आपातकालीन मरम्मत की प्रतीक्षा कर रहे स्कूल

धारवाड़ ग्रामीण और अलनावर सहित जिले के कुल 62 स्कूल मरम्मत का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से 10 स्कूलों को तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है। कुंदगोल में 120 स्कूलों में छोटी-मोटी मरम्मत का काम चल रहा है। इनमें से 39 स्कूलों को तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है। कलघटगी में 12 स्कूल, नवलगुंद में 6 स्कूल, धारवाड़ शहर में 4 स्कूल, हुब्बल्ली ग्रामीण में 5 स्कूल, हुब्बल्ली शहर में 8 स्कूलों को तत्काल मरम्मत की जरूरत है। हुब्बल्ली शहर के आठ स्कूल कक्षों की मरम्मत की आवश्यकता है। बिडनाल, नागशेट्टीकोप्पा, कमरिपेट, पेंडार गली में 2, सदाशिव नगर, तबीबलैंड में 2 स्कूलों की छतों और दीवारों को नुकसान हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र के नूलवी, अंचटगेरी, सुतगट्टी, तारिहाल और कुसुगल गांवों के सरकारी स्कूलों के कमरे मरम्मत की प्रतीक्षा में हैं।

संबंधित विभागों को दिए निर्देश

जीर्ण-शीर्ण और बारिश से टपकते स्कूलों, कॉलेजों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों की पहचान कर मरम्मत कार्य शीघ्र पूरा करने के संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं।
दिव्य प्रभु, जिलाधिकारी, धारवाड़

पहले चरण में किया जाएगा कमरों का विकास

जर्जर अवस्था और बारिश के कारण टपकते स्कूलों के कमरों का विकास पहले चरण में किया जाएगा। शेष कमरों की मरम्मत बाद में की जाएगी।
भुवनेश देवीदास पाटिल, सीईओ, जिला पंचायत, धारवाड़

प्रधानाचार्यों को दिए निर्देश

पिछले वर्ष 286 और इस वर्ष 376 स्कूल कक्षों की मरम्मत का कर्य किया गया है। कुछ स्कूलों में अभी भी ऐसे कमरे हैं जिनकी मरम्मत होनी बाकी है और उनमें बच्चों को नहीं बैठाने के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हंै।
एस.एस. केलदिमठ, उप निदेशक, सार्वजनिक शिक्षा विभाग, धारवाड़

जिले में मरम्मत की प्रतीक्षा कर रहे स्कूलों की जानकारी

क्षेत्र — स्कूल – स्कूल कमरे – अच्छे कमरे – छुट-पुट मरम्मत कमरे – आपात मरम्मत कमरे – जरूरी अनुदान (करोड़ों में)
धारवाड़ शहर — 49 – 401 – 210 – 54 – 116 – 3.33
धारवाड़ ग्रामीण — 61 – 498 – 329 – 12 – 163 – 3.38
हुब्बल्ली शहर — 19 – 209 – 66 – 00 – 41- 0.63
हुब्बल्ली ग्रामीण — 49 – 420 – 268 – 74 – 79 – 2.01
कलघटगी — 66 – 459 – 276 – 03 – 177 – 3.73
कुंदगोल — 15 – 157 – 100 – 58 – 02 – 1.14
नवलगुंद — 35 – 384 – 241 – 58 – 02 – 1.16
कुल — 194 – 2,528 – 1,490 – 259 – 580 – 15.38
(जानकारी : स्कूल शिक्षा विभाग)

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