किसानों की याचिका पर मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने दी प्रतिक्रिया
सवदत्ती (बेलगावी). महिला एवं बाल विकास मंत्री एवं मलप्रभा परियोजना सिंचाई सलाहकार समिति की अध्यक्ष लक्ष्मी हेब्बालकर ने 15 फरवरी से मलप्रभा जलाशय से छोड़े जाने वाले पानी को बंद करने के फैसले को किसानों की मांग के चलते 1 मार्च तक पानी छोडऩे का आदेश दिया है।
लक्ष्मी हेब्बालकर की अध्यक्षता में 15 अक्टूबर को आयोजित बैठक में विधायकों, महामंडल अध्यक्ष और किसान नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा कर निर्णय लिया कि चालू वर्ष 2024-25 में, मानसून के मौसम के लिए भर्ती हुए मलप्रभा जलाशय से सिंचाई के लिए 14.87 टीएमसी और मानसून के बाद के मौसम के लिए 16 टीएमसी, कुल मिलाकर 30.842 टीएमसी पानी उपलब्ध कराया गया है।
इसके अनुसार मालप्रभा जलाशय से सिंचाई के लिए उपयोग की जाने वाली नहरों के जरिए 14 फरवरी तक 16 टीएमसी पानी सिंचाई की खातिर किसानों को छोड़ा गया है।
मौजूदा दोनों सीजन समाप्त हो चुके हैं, परन्तु नरगुंद और बादामी के विधायकों और किसान नेताओं ने मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर से 15 मार्च तक नहरों में पानी की आपूर्ति जारी रखने की अपील की है। इस संदर्भ में मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए 15 फरवरी को रोका जाने वाला पानी 1 मार्च तक सिंचाई नहरों के माध्यम से छोड़ा जाएगा।
मंत्री ने आवश्यक पेयजल के लिए जून के अंत तक 15 टीएमसी पानी आरक्षित करने और उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, मंत्री ने संबंधित जिलाधिकारियों, जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों को एक मार्च तक अपने अधिकार क्षेत्र के तहत झीलों को पीने के पानी से भरने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है।
मलप्रभा परियोजना सिंचाई सलाहकार समिति के सदस्य सचिव एवं नवलीतीर्थ अधीक्षक अभियंता वीएस. मधुकर ने अपील की है कि वर्तमान गर्मी की प्रचंडता के कारण पेयजल की मांग बढ़ गई है। इसके चलते लोगों से पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करने का आग्रह किया है। इसके अलावा उन्होंने सहयोग करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया है।