दक्षिण-पश्चिम रेलवे ने सर्वे के लिए जारी किया टेंडर
मलेनाडु-करावली रेल कनेक्टिविटी को मजबूती
शिवमोग्गा-शृंगेरी-मेंगलूरु सहित 4 नए रूटों की अंतिम सर्वे प्रक्रिया शुरू
पर्यावरण, आर्थिक लाभ और भूमि अधिग्रहण प्रमुख मानदंड
शिवमोग्गा. मलेनाडु और करावली क्षेत्र के बीच बेहतर रेल संपर्क की लंबे समय से जारी मांग को पूरा करने की दिशा में केंद्र सरकार ने कदम बढ़ा दिया है। दक्षिण-पश्चिम रेलवे (दपरे) ने शिवमोग्गा से तीन दिशाओं में नए रेलमार्गों की अंतिम सर्वे प्रक्रिया शुरू करते हुए चार प्रमुख परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी किए हैं।
इनमें शिवमोग्गा-शृंगेरी-मेंगलूरु (332 किमी), ताळगुप्पा-होन्नावर (95 किमी), भद्रावती-चिक्कजाजूर (73 किमी) और आलमट्टी-यादगीर (162 किमी) मार्ग शामिल हैं। सर्वे में आर्थिक व्यवहार्यता, पर्यावरणीय प्रभाव, भूमि अधिग्रहण और तकनीकी चुनौतियों का विस्तृत मूल्यांकन किया जाएगा। पहले चरण में तीन-तीन संभावित ट्रैक विकल्प तैयार होंगे, जिनके आधार पर आगे की प्रक्रिया तय होगी।
शिवमोग्गा-शृंगेरी-मेंगलूरु रूट की घोषणा 2018 में तत्कालीन रेल मंत्री डी.वी. सदानंदगौड़ा ने की थी, लेकिन परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी। हाल ही में सांसद बी.वाई. राघवेंद्र की ओर से प्रस्ताव को फिर से उठाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने सर्वे के लिए अनुदान स्वीकृत किया है।
ताळगुप्पा-होन्नावर रेलमार्ग पांच दशक पुरानी मांग है, जिसे पर्यावरणीय कारणों से कई बार रोका गया। अब पुन: सर्वे टेंडर जारी होने से उत्सुकता बढ़ी है। भद्रावती-चिक्कजाजूर लाइन वीआईएसएल तक लौह अयस्क परिवहन को सरल बनाएगी, जबकि आलमट्टी-यादगीर मार्ग से कल्याण-कर्नाटक क्षेत्र को नया रेल लाभ मिलेगा।
सांसद बी.वाई. राघवेंद्र ने कहा कि सर्वे के आधार पर व्यावहारिक विकल्प चुने जाएंगे और ये परियोजनाएं क्षेत्र के आर्थिक विकास में नई गति लाएंगी।

