50 वर्षों से कोई भी बुनकर-संबंधी इकाई स्थापित नहीं हुई
रबकवी-बनहट्टी (बागलकोट). सरकार जहां बुनकर उद्योग न होने वाले क्षेत्रों में हजारों एकड़ में वस्त्र पार्क बनाने में रुचि दिखा रही है, वहीं पूरी तरह बुनकरों से भरे रबकवी-बनहट्टी तालुक की उपेक्षा की जा रही है।
करीब 15 साल पहले ही राज्य वस्त्र मूलभूत सुविधा विकास निगम ने रबकवी-बनहट्टी, मदनमट्टी आदि कई स्थानों पर सैकड़ों एकड़ भूमि अधिसूचित की थी परन्तु आज तक किसी भी परियोजना को लागू किए बिना निगम ने मूलभूत सुविधाओं को ही भुला दिया है, जो आश्चर्य का विषय है।
लाख से अधिक बुनकर
तेरदाल विधानसभा क्षेत्र में ही एक लाख से अधिक बुनकर रहते हैं। विधायक और सांसद के चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने वाला यह समुदाय स्वतंत्रता के बाद से लगातार उपेक्षित रहा है। केएचडीसी के अलावा पिछले 50 वर्षों से कोई भी बुनकर-संबंधी इकाई स्थापित नहीं हुई। हर बजट में बुनकरों की मांगें केवल कागजों तक सीमित रह जाती हैं और राहत के नाम पर कुछ योजनाएं खोलकर मरहम-पट्टी करने का काम ही हुआ है।
राज्य वस्त्र मूलभूत सुविधा विकास निगम से तेरदाल क्षेत्र को कोई लाभ नहीं मिला है। निगम के प्रबंध निदेशक को यहां के बुनकरों की समस्याओं की जानकारी न होना और बुनकरों का असंगठित रहना इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है।
कोन डाइंग प्लांट भी अधर में
20 साल पहले नगर पालिका ने 2 एकड़ भूमि कोन डाइंग प्लांट के लिए आरक्षित की थी परन्तु अब वह भूमि झाडिय़ों से भर चुकी है और पहचानना भी मुश्किल हो गया है। दूसरी ओर शून्य ब्याज दर पर ऋण सुविधा की राशि में देरी के कारण बुनकर आर्थिक संकट में हैं। सरकारी नीतियों के सरलीकरण में देरी से कई बुनकर सडक़ पर आ गए हैं।
बुनकर संगठन की चेतावनी
राज्य सरकार ने कई जगह बुनकर विकास के लिए भूमि आरक्षित की है, परन्तु वस्त्र विभाग और निगमों की घोर लापरवाही से कोई भी योजना अमल में नहीं आई। बुनकर संगठनों ने एक स्वर में कहा है कि इस उपेक्षा के खिलाफ अब बड़ा आंदोलन होगा।
दिन-ब-दिन बुनकरों की संख्या तेजी से घट रही है। सहायक सुविधाएं और उचित वेतन न मिलने से पावरलूम चलाने वाले परिवार संकट में हैं। वहीं, वैश्वीकरण के दौर में रबकवी-बनहट्टी की साडिय़ों की खरीद में भी भारी गिरावट आई है। सरकार के हस्तक्षेप न करने से बुनकरों की समस्याएं और गहरी हो रही हैं।
वस्त्र क्षेत्र बेहद दयनीय हालत में
वस्त्र क्षेत्र बेहद दयनीय हालत में है और खत्म होने की कगार पर है। यदि सरकार ने तत्काल ध्यान नहीं दिया तो आने वाले दिन भयावह होंगे।
–शंकर जुनजप्पनवर, बुनकर नेता
पारदर्शी न्याय दिलाना मेरी जिम्मेदारी
मदनमट्टी में 5 एकड़ और रबकवी में 2 एकड़ भूमि उपलब्ध है परन्तु सरकार वस्त्रों की सहायक परियोजनाओं के लिए आगे नहीं आ रही है। मैंने विधानसभा में बुनकरों की समस्याओं को उठाया है। बुनकरों से चार बार चुना गया हूं, इसलिए पारदर्शी न्याय दिलाना मेरी जिम्मेदारी है।
–सिद्दू सवदी, विधायक, तेरदाल
