हुब्बल्ली में बुधवार सुबह मिनी विधान सौधा स्थित तहसीलदार कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते राजस्व मंत्री कृष्ण भैरेगौड़ा।

मंत्री कृष्ण भैरेगौड़ा ने दी जानकारी
हुब्बल्ली. राजस्व मंत्री कृष्ण भैरेगौड़ा ने कहा कि सर्वेक्षण विभाग को भी आधुनिकता का स्पर्श दिया जाएगा। जल्द से जल्द सर्वे की कार्रवाई की जाएगी।
शहर के तहसीलदार और उप-रजिस्ट्रार कार्यालयों का बुधवार को औचक निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए भैरेगौड़ा ने कहा कि राज्य में बड़ी मात्रा में सर्वेक्षण का काम लंबित है। हम वर्तमान तकनीक का उपयोग करके काम की गति बढ़ाने जा रहे हैं। हम 20 करोड़ रुपए खर्च कर आधुनिक उपकरण उपलब्ध करा रहे हैं। 750 लाइसेंसधारी सर्वेक्षकों की भर्ती की जा रही है। सर्वेक्षण विभाग के 357 एडीएलआर पदों को भरने की कार्रवाई की जाएगी साथ ही मुख्यमंत्री ने 596 रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया है। इसके चलते हमने रिक्त पदों को भरने और आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि कावेरी 2.0 पंजीकरण सर्वर समस्या अब नहीं रही। सभी जिलों के एक तालुक में भूमि संरक्षण परियोजना शुरू की जा रही है और यह परियोजना दो दिनों में हुब्बल्ली में शुरू की जाएगी।
भैरेगौड़ा ने कहा कि हुब्बल्ली तहसीलदार और उप-रजिस्ट्रार कार्यालयों में एजेंटों की भरमार के बारे में जनता से कई शिकायतें मिली हैं। इसकी जांच कराई जाएगी।

राजस्व मंत्री ने किया औचक दौरा, अधिकारियों के छूटे पसीने
राजस्व मंत्री कृष्ण भैरेगौड़ा ने बुधवार सुबह मिनी विधान सौधा स्थित तहसीलदार कार्यालय का औचक दौरा कर अधिकारियों के पसीने छुड़ाए।
बेलगावी की यात्रा पर स्थित कृष्ण भैरेगौड़ा ने विभाग के कामकाज के बारे में जानने के लिए औचक दौरा कर तहसीलदार और उप-रजिस्ट्रार के कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान तहसीलदार कल्लगौड़ा पाटिल प्रकाश नाशी से अधिकारियों की उपस्थिति, साफ-सफाई और फाइलों के निस्तारण के बारे में जानकारी ली।
बाद में उन्होंने जिलाधिकारी दिव्या प्रभु को बुलाया और प्रशासनिक व्यवस्था में खामियों और राजस्व विभाग में एजेंटों की भरमार को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में बताया। उन्होंने जिलाधिकारी के सामने ही अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि अधिकारियों का नाम लेकर ही एजेंट दबंगई दिखा रहे हैं, इस पर रोक लगाने के मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने निर्देश दिए हैं। इस सब को दखने के बाद भी अधिकारी चुप हैं इसका क्या मतलब है?
मिनी विधानसौधा के शौचालयों को देखने के बाद मंत्री ने लाल आंखों से अधिकारियों को देखा और डांटते हुए कहा कि क्या आप अपने घर में भी इन्हें ऐसे ही रखते हैं? सार्वजनिक शौचालयों को लेकर जनता ने भी कई पत्र लिखे हैं। स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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