20,000 ही पंजीकृत, 47 हजार का पंजीकरण बाकी
हुब्बल्ली. हुब्बल्ली धारवाड़ महानगर समेत जिले में कुछ वाणिज्यिक दुकानें, प्रतिष्ठान और दुकानदारों ने अभी भी कर्नाटक दुकान एवं वाणिज्यिक संस्था अधिनियम-1961 के तहत पंजीकृत कर लाइसेंस प्राप्त नहीं किया है।

जिले में 67,777 आधिकारिक वाणिज्यिक लेनदेन हैं और इनमें केवल 20,000 ही पंजीकृत हैं और 47 हजार का पंजीकरण होना बाकी है। श्रमिक संघ के एक नेता ने कहा कि पंजीकृत नहीं करने वाले कुछ व्यवसायी और व्यापारियों से विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वे बहुत सी बातें छुपाते हैं। श्रमिकों का शोषण होने की संभावना है। श्रमिक अपने अधिकारों से वंचित हैं। सरकारी नियमों का पालन नहीं किया जाता है। इसे श्रम विभाग के ध्यान में नहीं लाया जाता है।

वरना समस्याएं होंगी

अपंजीकृत वाणिज्यिक संस्था, व्यवसाय में कोई समस्या आती है, तो कानून के तहत सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। दुकान अधिनियम, 1961 के तहत, यदि कोई संस्था, दुकान चला रही है, तो उसे इसके प्रारंभ होने के 30 दिनों के भीतर श्रमिक परमिट प्राप्त करना चाहिए। चाहे श्रमिक हों या नहीं, लाइसेंस अनिवार्य है।

पंजीकरण अभियान

जिला श्रम विभाग और कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) ने शनिवार को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में ही दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम पंजीकरण अभियान का आयोजन किया था।

लाइसेंस लेना अनिवार्य

अधिनियम के अनुसार, व्यावसायिक दुकानों, प्रतिष्ठानों, दुकानदारों के लिए, चाहे कर्मचारी हों या नहीं, व्यावसायिक लेनदेन के संबंध में लाइसेंस लेना अनिवार्य है।
विनय जे.जावली, अध्यक्ष, कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, हुब्बल्ली

पंजीकरण कराना जरूरी

संबंधित व्यवसायी या उद्यमी पंजीकरण कराएंगे तो उन्हें उनके बारे में सटीक जानकारी मिलेगी। नियम के मुताबिक, हर मामले को रिकॉर्ड किया जाना चाहिए। सरकारी अधिनियम का पालन करना चाहिए परन्तु कुछ लोग पंजीकरण प्रक्रिया से गुजरना नहीं चाहते हैं। व्यवसायियों के साथ-साथ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए भी पंजीकरण कराना जरूरी है।
श्वेता एस., सहायक आयुक्त, श्रम विभाग

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