मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा
पुरुषोत्तमानंदपुरी स्वामी के पीठाभिषेक रजत जयंती समारोह का उद्घाटन
चित्रादुर्ग. मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि स्थिर जाति व्यवस्था मजबूती से जमी हुई है, सामाजिक और आर्थिक गतिविधियां रुकी हुई हैं। जब तक जाति व्यवस्था है तब तक समाज में समानता नहीं हो सकती।
वे होसदुर्ग तालुक के ब्रह्मविद्यानगर के भागीरथ गुरुपीठ में पुरुषोत्तमानंदपुरी स्वामी के पीठाभिषेक रजत जयंती समारोह का उद्घाटन कर बोल रहे थे।
उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि जाति व्यवस्था आर्थिक एवं सामाजिक असमानता का मुख्य कारण है। शूद्र समाज साक्षर संस्कृति से वंचित है। कई दार्शनिकों और समाज सुधारकों ने परिवर्तन के प्रयास किए हैं। जाति व्यवस्था के कारण अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हो सके हैं।
सिद्धरामय्या ने कहा कि प्रतिभा, उत्कृष्टता जाति से नहीं आती। शिक्षा से ही यह संभव है इसका अम्बेडकर उदाहरण हैं। बिनती है कि बच्चों को अशिक्षित होने न दें। आत्म-सम्मान के निर्माण के लिए शिक्षा जरूरी है। निहित स्वार्थ ताकतें अतीत से ही मौजूद रही हैं। वे लगातार गुमराह करने का काम कर रही हैं। उनसे सावधान रहना चाहिए। संभलकर चलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बसवादी शरणों ने कर्म के सिद्धांत को खारिज किया। गरीबी को भी कर्म सिद्धांत की कहानी बताई गई है। भाग्य के भरोसे बैठना गलत है। स्वर्ग और नर्क यहीं हैं। लोगों को एक-दूसरे से प्यार करना चाहिए न कि नफरत।
उन्होंने खेद व्यक्त करते सिद्धरामय्या ने कहा कि उप्पार समाज आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़ा हुआ है। नमक बनाना और बेचना समुदाय का पेशा था। औद्योगीकरण के बाद पारंपरिक व्यवसायों को छोडऩा पड़ा। महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए नमक सत्याग्रह किया था। उप्पार समाज का योगदान अतुलनीय था। पेशे पर खतरे के बाद उप्पार समुदाय आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़ गया। नमक का व्यवसाय करने के कारण उनके पास जमीन भी नहीं थी। समुदाय खेती करने में असमर्थ था। उन्हें शिक्षा एवं आर्थिक शक्ति से वंचित होना पड़ा। संविधान लागू होने के बाद सभी को समान अवसर मिल रहा है। अगर मुझे वर्णमाला सीखने और वकील बनने का अवसर नहीं मिला होता तो मैं मुख्यमंत्री नहीं बन पाता।
जिला प्रभारी मंत्री डी. सुधाकर, मैसूर सेल्स इंटरनेशनल लिमिटेड (एमएसआईएल) के अध्यक्ष सी. पुट्टरंगशेट्टी, विधायक बी.जी. गोविंदप्पा, श्रीनिवास, के.एच. पुट्टस्वामीगौड़ा, पूर्व मंत्री एच. अंजनेय, पूर्व सांसद बी.एन. चंद्रप्पा, एन.एल. नरेंद्र बाबु आदि उपस्थित थे।
