कर निर्धारण वित्त एवं अपील स्थायी समिति के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन गुंडूरु ने पेश किया बजट
1,57& करोड़ रुपए का बजट पेश
हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम
हुब्बल्ली. हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने बुधवार को वर्ष 2024-25 के लिए 157&.&5 करोड़ रुपए का बजट पेश किया।
वार्ड विकास के लिए 75 करोड़ रुपए, नगर निगम संपत्ति सर्वेक्षण (जीआईएस) के लिए 5 करोड़ रुपए, नगर निगम क्षेत्र के गांवों के विकास के लिए 7 करोड़ रुपए, नृपतुंगबेट्टा से उणकल झील तक जिपलाइन कार्य के लिए 5 करोड़ रुपए, सिद्धारूढ़ मठ, सिद्दप्पाजन मठ, शिवानंद मठ के विकास के लिए एक करोड़ रुपए, पार्कों के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपए, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के लिए 9 करोड़ रुपए, आर्थिक रूप से पिछड़े व्यक्ति के दाह संस्कार के लिए 2 करोड़ रुपए, महिलाओं की आत्मनिर्भरता के लिए 1 करोड़ रुपए इस प्रकार बजट में विभिन्न वर्गों को पहुंचने की कोशिश की गई है।
नगर निगम के इतिहास में दूसरी बार महापौर वीणा बरदवाड़ के नेतृत्व वाली टीम ने एक हजार करोड़ रुपए से ’यादा का बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया है। पिछले साल महापौर रहे ईरेश अंचटगेरी ने 1,1&8.54 करोड़ रुपए का बजट पेश कर रिकॉर्ड बनाया था। जनता पर नए कर लगाए बिना वाणिज्यिक कर संग्रह पर जोर देने के जरिए कर निर्धारण वित्त एवं अपील स्थायी समिति के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन गुंडूरु ने बैठक में 12.71 लाख रुपए के बचत का बजट पेश किया।
हुब्बल्ली-धारवाड़ के लोगों को लुभाने के अलावा बजट में राजस्व बढ़ाने पर जोर दिया गया है। जोनल कार्यालय स्तर पर ही व्यापार और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए लाइसेंस जारी करने का भी प्रस्ताव है।
बजट में नम्मा नडे सुस्थिर अभिवृध्दिय कड़े (हमारे कदम स्थिर विकास की ओर) नारे के साथ नगर निगम व्यवस्था को आधुनिक टच देने की कोशिश की गई है। प्रत्येक जोनल कार्यालय क्षेत्र के लिए एक एलईडी शाइन बोर्ड लगाकर, विज्ञापन प्रदर्शित करने के जरिए राजस्व संग्रह करने का लक्ष्य रखा गया है।
कूड़ा-कचरा दें, पैसे लें
महानगर में कूड़ा-कचरे की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, इसलिए इसके प्रबंधन के लिए कूड़ा-कचर देंं, पैसे लें नामक एक अनोखी योजना शुरू की गई है। जनता के दरवाजे तक जाकर सूखा कचरा इक_ा कर पैसा देकर, नगर निगम के साथ जुड़ी संस्थाओं को इस कचरे को रिसाइक्लिंग के लिए देने की यह योजना है। इससे लगभग 75 लाख रुपए राजस्व मिलने का अनुमान लगाया गया है।
नगर निगम के राजस्व विभाग, इंजीनियरिंग विभाग, स्वास्थ्य विभाग के कार्यों को जोनल स्तर पर ही आवंटित करने के लिए आवश्यक कर्मचारियों को तैनात करना। अधिकार विकेंद्रीकरण को प्राथमिकता देते हुए निगम के पार्षदों की निधि 75 लाख रुपए से बढ़ाकर 90 लाख रुपए की गई है। नगर निगम के विकास और प्रशासन की दृष्टि से, बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने, स्व‘छ शहर का निर्माण, कल्याण कार्यक्रमों पर जोर देने वाले सुधार के उपाय भी बजट में हैं।
बजट में नगर निगम को जनता के अनुकूल बनाने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण, कर्मचारी तबादला नीति, कुशल कर्मचारियों को पुरस्कार, सार्वजनिक कार्यों के समय निर्धारण, नगर निगम में फाइलों के निस्तारण में होने वाली देरी को रोकने के लिए राजस्व फाइल यज्ञ का विशेष अभियान जारी रखने का प्रस्ताव है।
प्रथम तल (मंजिल) तक के भवनों के लिए जोनल कार्यालय स्तर से ही अनुमति देने का मौका दिया गया है। पूर्व में भवन निर्माण की अनुमति नहीं लेने के मामलों को चिन्हित कर, जुर्माना वसूलने की योजना प्रस्तावित की गई है। ऐसे घरों/भवनों के लिए पीआईडी नंबर प्लेट लगाने की परियोजना के लिए बजट में 20 लाख रखे गए हैं।