हुब्बल्ली. परिवहन निगमों में लागत कम करने और कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए कल्याण कर्नाटक सड़क परिवहन निगम, उत्तर पश्चिम कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम और कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम में आउटसोर्सिंग के आधार पर चालकों को बाहरी निविदा पर लेने का प्रयास किया जा रहा है।

परिवहन कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि यह परिवहन व्यवस्था के निजीकरण की कोशिश है और इसके खिलाफ आवाज उठाने का फैसला लिया है। परिवहन निगमों में सेवानिवृत्ति, स्थानांतरण, अन्य कारणों से रिक्त पदों को भरने की आवश्यकता है परन्तु परिवहन संगठनों को मजबूत करने और वित्तीय संकट से उबरने के लिए सरकार की ओर से नियुक्त सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आर. श्रीनिवास मूर्ति की अध्यक्षता वाली समिति ने लागत में कटौती, नए कर्मचारियों को न रखने और बिना कंडक्टर के बसें चलाने समेत विभिन्न सिफारिशों की रिपोर्ट देने के चलते सरकार परिवहन निगमों में चालक-परिचालक पदों के सृजन के साथ आगे नहीं बढ़ रही है।

वर्तमान में परिवहन निगमों में 1.25 लाख पद स्वीकृत हैं, 1.07 लाख लोग कार्यरत हैं और 16 हजार पद रिक्त हैं। जबकि कल्याण कर्नाटक में लगभग 1,200 चालकों की कमी है, बीएमटीसी में 33,000 चालकों में से 29,000 चालक हैं, लगभग 4,000 चालकों की कमी है।

उत्तर पश्चिम कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम और कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम में भी चालकों की कमी है। सरकार ने अंतर-निगमों के स्थानांतरण की अनुमति दी है, कईयों ने अपने-अपने जिलों को स्थानांतरण हुए हैं, केएसआरटीसी और बीएमटीसी ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों से अनुबंध के आधार पर आने का अनुरोध करने के बाद भी अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं। केएसआरटीसी में लगभग 8,206 बसें, उत्तर पश्चिम कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम में 4,560 बसें, कल्याण कर्नाटक सड़क परिवहन निगम में 4,503 बसें, बीएमटीसी में 6,769 बसें हैं, हर जगह चालकों की कमी है।

मासिक 20 हजार रुपए वेतन : परिवहन कर्मचारी संघों का कहना है कि परिवहन निगमों में आउटसोस के जरिए नियुक्त किए जा रहे चालकों को मासिक 20 हजार रुपए वेतन देने का फैसला किया गया है। सरकार का आकलन है कि स्थायी चालकों को दिया जाने वाला वेतन उससे कम है और विभिन्न भत्ते और सुविधाएं भी छूट जाएंगी परन्तु स्थायी चालकों में स्थित कार्य प्रतिबद्धता, अनुशासन और सुरक्षा का मुद्दा आउटसोर्स चालकों से भी क्या इसकी उम्मीद की जा सकती है।

कर्मचारी संगठन बोले.. निजीकरण की ओर कदम बढ़ा रही है सरकार

परिवहन कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि निकट भविष्य में जब परिवहन निगमों में सेवानिवृत्त और मरने वाले कर्मचारियों के पद रिक्त होने पर उन्हें स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति के बजाय आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति करने की फिराक में निकट भविष्य में पूरी परिवहन व्यवस्था का निजीकरण करने की साजिश स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। आर. श्रीनिवास मूर्ति की अध्यक्षता वाली समिति पहले से ही परिवहन कंपनियों में कार्यशालाओं को बंद करने, मरम्मत और अन्य कार्यों की आउटसोर्सिंग, चालक रहित बसों के संचालन सहित विभिन्न सिफारिशों को लागू करने के लिए सरकार कदम उठा रही है। सामाजिक सोच और सेवा को ध्यान में रखकर परिवहन व्यवस्था का राष्ट्रीयकरण किया गया था, लेकिन अब सरकार यह सब भूल कर फिर से निजीकरण की ओर कदम बढ़ा रही है।

केकेआरटीसी ने की 400 चालकों की नियुक्ति

चालकों की कमी को दूर करने के लिए, उत्तर पश्चिम कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम और कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केकेआरटीसी) में आउटसोर्स चालकों की नियुक्ति के लिए एक निविदा पहले ही बुलाई जा चुकी है। इसी को आधार बनाकर कल्याण कर्नाटक सड़क परिवहन निगम ने भी आउटसोर्स चालकों की नियुक्ति के लिए निविदा आमंत्रित करने का निर्णय किया है। कल्याण कर्नाटक सड़क परिवहन निगम के कलबुर्गी स्थित मुख्य कार्यालय में 12-13 सितंबर को हुई बैठक में लगभग 400 आउटसोर्स चालकों की भर्ती के लिए निविदाएं आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया। उत्तर पश्चिम कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम और कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम में किए गए आउटसोर्स चालकों की भर्ती निविदा के संदर्भ में यह किया जा रहा है।

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