मेरे मुख्यमंत्री बनने में क्या गलत है?आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर।

आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने किया सवाल
हुब्बल्ली. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को विधायक दल की बैठक में कहा था कि किसी को भी पार्टी की सीमाओं को लाघना नहीं चाहिए। पार्टी से बड़ा कोई नहीं है। सरकार पार्टी की ही है, पार्टी सरकार की नहीं है, और पार्टी सरकार नहीं है, मुख्यमंत्री पद के बारे में सार्वजनिक बयान नहीं देना चाहिए। इसके एक दिन बाद ही एक मंत्री ने मुख्यमंत्री पद के बारे में सवाल उठाया है।
राज्य में दलित सीएम की मांग फिर से सामने आई है। आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पूछा कि दलितों को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनना चाहिए? अगर मुख्यमंत्री बनेंगे तो कौन मना करेगा? मेरे दलित होने और मुख्यमंत्री बनने में क्या गलत है? चाहे मैं मुख्यमंत्री बनूं या कोई और, अगर दलित मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो उन्हें ही बनना चाहिए।
शहर में पत्रकारों से बातचीत में तिम्मापुर ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मुझमें सीएम बनने लायक संख्याबल है या नहीं या फिर सभी विधायक इसके लिए राजी होंगे या नहीं। इन सब बातों पर विचार किया जाएगा। हर बात वहीं तय होनी चाहिए। अगर हाईकमान कहेगा तो मैं ही मुख्यमंत्री बन जाऊंगा परन्तु इनमें से कुछ भी फिलहाल उपलब्ध नहीं है। क्या मीडिया में सीएम होने का दावा करने से सीएम बनना संभव है। कांग्रेस सरकार पांच साल तक चलेगी। सिद्धरामय्या वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं। इसमें कोई भ्रम नहीं है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठककर बैठक रद्द कराना यह पूरी तरह से मीडिया की देन है। कांग्रेस सरकार पांच साल तक सत्ता में रहेगी। डॉ. जी. परमेश्वर के घर पर होने वाली दलितों की बैठक स्थगित कर दी गई है। सत्ता के बंटवारे के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।

भाजपा कर रही ओछी राजनीति
गाय के थन काटने के खिलाफ भाजपा के विरोध प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए तिम्मापुर ने कहा कि दलितों की कई हत्याएं हुई हैं। क्या भाजपा ने कभी इस मुद्दे पर आवाज उठाई और क्या विरोध प्रदर्शन किया है? गाय पर हिंसा करने वालों की बलि देनी चाहिए। सरकार इस संबंध में उचित निर्णय लेगी। इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना उचित नहीं है। भाजपा इस मुद्दे पर ओछी राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा कि हमारे पास संविधान को जन-हितैषी तरीके से संशोधित करने का अवसर है और हमने ऐसा किया। उन्होंने भी ऐसा ही किया है। डॉ. बीआर अंबेडकर को मंत्री किसने बनाया? इसके बारे में बात क्यों नहीं करते? दलित पीडि़त हैं। क्या उनकी कोई परवाह है? आरएसएस और भाजपा केवल हिंदू कहते हैं। कई दलितों को अभी भी कुछ स्थानों में प्रवेश नहीं है। इस बारे में बात नहीं करते हैं। संविधान कहता है कि सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। क्या वे इसका पालन करते हैं।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *