मुर्डेश्वर, कुंदापुर, उडुपी में सर्वश्रेष्ठ बुकिंग
उडुपी. विजयदशमी के दिन 10 अक्टूबर को मुर्डेश्वर तक विस्तारित हैदराबाद तिरुपति (रेनिगुंटा)-मेंगलूरु ट्रेन केवल 3 महीनों में ही लोकप्रियता हासिल कर ली है। जो लोग उडुपी और कुंदापुर से मेंगलूरु शहर तक यात्रा करते थे और वहां से तिरुपति ट्रेन पकड़ते थे, अब उन्हें अपने दरवाजे पर ही तिरुपति ट्रेन पकडऩे का अवसर मिला है।
यह रेलगाड़ी, जो कासरगोड के बाद पूरी तरह भर जाती थी, अब उडुपी पहुंचने तक कम से कम 40-50 प्रतिशत आरक्षित सीटों से भरी रहती है, तथा यहां तक कि सामान्य डिब्बे भी भरे रहते हैं। ट्रेन बुकिंग वेबसाइटें मुर्डेश्वर, रेनिगुंटा और तिरुपति के बीच प्रतीक्षा सूची दिखा रही हैं। मुर्डेश्वर और मेंगलूरु के बीच फरवरी माह की बुकिंग पर नजर डालने से पता चलता है कि प्रत्येक यात्रा के लिए केवल 40-50 सीटें ही खाली हैं।
पांच राज्यों की कनेक्टिविटी
दक्षिण भारत के सभी पांच राज्यों से गुजरने वाली यह ट्रेन परिधान उद्योग केंद्र तिरुपुर, आदियोगी केंद्र कोयंबटूर, हिल स्टेशन ऊटी और तेलंगाना के प्रमुख शहरों को कनेक्टिविटी प्रदान करती है। इस ट्रेन को कारवार तक विस्तारित करने की भी मांग की जा रही है।
यह ट्रेन सुविधाजनक कैसे है?
-करावली (तटीय क्षेत्र) से बेंगलूरु होते हुए तिरुपति तक ट्रेन चलने पर यात्रा का समय कम से कम 16 से 20 घंटे का है।
-रेनिगुंटा ट्रेन शाम को कुंदापुर से रवाना होकर अगले दिन सुबह 11.40 बजे रेनिगुंटा पहुंचेगी। वहां से तिरुपति शहर 9 किमी दूर है।
-ट्रेन प्रत्येक बुधवार और शनिवार को रवाना होगी। बुधवार को रवाना होने वालों के पास गुरुवार को तिरुपति पहुंचने और शुक्रवार को शाम 4.45 बजे रेनिगुंटा से ट्रेन पकडऩे का विकल्प होगा। शनिवार को रवाना होने वालों के लिए मंगलवार शाम को वापसी की ट्रेन रहेगी।
अच्छी प्रतिक्रिया मिली है
करावली से तिरुपति जाने वाले श्रद्धालुओं के अलावा, मध्य केरल और तमिलनाडु से कोल्लूर मूकाम्बिका मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं से भी ट्रेन को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
–गणेश पुत्रन, अध्यक्ष, कुंदापुर रेल यात्री कल्याण समिति एवं सदस्य, कोंकण रेलवे सलाहकार समिति