देश के कृषि एवं आर्थिक विकास में ग्रामीण बैंकों का योगदान महत्वपूर्ण बल्लारी के कम्मा भवन में दो दिवसीय अखिल भारतीय ग्रामीण बैंक कर्मचारी महासंघ के 15वें त्रि-वार्षिक सम्मेलन का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते हुए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी. गोपालगौड़ा।

सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश गोपालगौड़ा ने कहा

बल्लारी. सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी. गोपालगौड़ा ने कहा कि कृषि एवं आर्थिक क्षेत्र के विकास में ग्रामीण बैंकों का योगदान महत्वपूर्ण है। इतना ही नहीं, यह युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में भी अद्वितीय है। नाबार्ड ने भी आपके काम की सराहना की है।

वे शनिवार को शहर के कम्मा भवन में दो दिवसीय अखिल भारतीय ग्रामीण बैंक कर्मचारी महासंघ के 15वें त्रि-वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि यह स्वागतयोग्य है कि यह सम्मेलन प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध बल्लारी जिले में आयोजित किया गया है। यह अच्छी बात है कि इस सम्मेलन में महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया है। महिलाओं को संगठित होने के लिए आगे आना चाहिए। आपको अपने अधिकारों के लिए लडऩा चाहिए।

गोपालगौड़ा ने कहा कि देश आज अनेक समस्याओं से जूझ रहा है। इसमें बेरोजगारी महत्वपूर्ण है। आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध टेक्नोलॉजी कंपनी इंफोसिस ने सैकड़ों लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। पूंजीपतियों के चंगुल में फंसने से देश को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था और संविधान की रक्षा के लिए भी काम करने की जरूरत है। इसके लिए आपको लोगों की सुरक्षा के लिए, लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए लडऩा होगा।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण बैंकों की स्थापना 50 वर्ष पहले ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों, कृषि मजदूरों और युवाओं की मदद के लिए की गई थी। अब यह हजारों शाखाओं के साथ वित्तीय रूप से मजबूत है। इन बैंकों में 22,000 पद रिक्त हैं। इन रिक्तियों को भरने के लिए संघर्ष अनिवार्य है।

गोपालगौड़ा ने कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने भी आपके अधिकारों के संबंध में स्पष्ट आदेश दिए हैं। न्यायाधीश ओबल रेड्डी के फैसले के अनुसार दैनिक वेतनभोगी और अस्थायी श्रमिकों को समान वेतन देना चाहिए। वेतन भेदभाव उचित नहीं है। सेवानिवृत्ति अधिनियम 2018 महत्वपूर्ण है। वित्त विभाग को इस पर विचार करना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून मौजूद होने के बावजूद कई वर्षों से इसका समुचित क्रियान्वयन नहीं किया गया है।
केनरा बैंक के मानव संसाधन विभाग के मुख्य महासचिव डी. सुरेन्द्रन ने कहा कि इस एसोसिएशन ने पिछले 50 वर्षों में तीन

ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। जब मैं कर्नाटक ग्रामीण बैंक में अधिकारी था, तो मैं एसोसिएशन की जुझारू भावना का प्रशंसक था। ग्रामीण बैंकों के कर्मचारियों को भी पेंशन लाभ उपलब्ध कराया गया है। वाणिज्यिक बैंकों जैसी ही लगभग सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। एक राज्य एक ग्रामीण बैंक जल्द ही अस्तित्व में आ जाएगा, जिससे इस बैंक को अपनी शताब्दी उत्सव की ओर बढऩे में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि बैंक में जितने कर्मचारी हैं, उतने ही सेवानिवृत्त कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य भी हैं। केनरा बैंक को सेवानिवृत्त पेंशन के लिए वार्षिक 2750 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित करने की आवश्यकता है। ग्रामीण बैंकों ने उचित कनेक्टिविटी की कमी वाले गांवों में शाखाएं खोलकर लोगों के आर्थिक विकास में मदद की है।

इस अवसर पर अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के महासचिव श्रीकांत मिश्रा, अखिल भारतीय ग्रामीण बैंक कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सी. राजीवन, मरियम दावले, सम्मेलन स्वागत समिति के उपाध्यक्ष सिरिगेरी पन्नराज, टी.जी. वि_ल, नागभूषण राव, गुरुमूर्ति, एस.वी. रेड्डी, वी.के. बन्नीगोल और अन्य उपस्थित थे। सम्मेलन स्वागत समिति के अध्यक्ष के. कोटेश्वर राव ने स्वागत किया।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *