मार्च में 8 वर्षों में ही रायचूर में सब से अधिक तापमान दर्ज
हुब्बल्ली. राज्य में दिन-प्रतिदिन सूर्य की तीव्रता बढ़ती जा रही है। कई जिले सूर्य की तपीश वजह से गर्मी के केंद्र बन गए हैं। उत्तर कर्नाटक, दक्षिण कर्नाटक, मलेनाडु और तटीय क्षेत्रों में भी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस की सीमा पार कर ली गई है। रायचूर में आठ साल बाद मार्च महीने में पूरे राज्य में सबसे अधिक 42.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
राज्य के कई भागों में मार्च के आरंभ से ही तापमान बढ़ रहा है तथा हाल ही में गर्मी अत्यधिक बढ़ गई है। खासकर उत्तर कर्नाटक के जिलों में सुबह से ही भीषण गर्मी पड़ रही है, जिससे लोगों को थकान महसूस हो रही है।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी आंतरिक जिलों बागलकोट, बीदर, रायचूर और विजयपुर में 18 मार्च से तीन दिनों तक गर्म हवाएं चलने की स्थिति बनी रहेगी, जिसके चलते यलो अलर्ट घोषित किया है।
राज्य के आधे हिस्से में उच्च तापमान
राज्य के 31 जिलों में से आधे से अधिक में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया है। केएसएनडीएमसी के अनुसार 16 मार्च सुबह 8 बजे से 17 मार्च को सुबह 8 बजे तक उत्तर कर्नाटक के धारवाड़ सहित सभी 13 जिलों, दक्षिण कर्नाटक के तुमकूर, चित्रदुर्ग, शिवमोग्गा, चिक्कमगलूरु सहित 18 जिलों और तटीय उत्तर कन्नड़ जिले में अधिकतम तापमान 40 से 42.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। न्यूनतम तापमान 16 से 25 डिग्री सेल्सियस के आस-पास है।
सप्ताह में तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ोतरी
भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि राजधानी बेंगलूरु में सोमवार को अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। आगामी सप्ताह तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ोतरी की संभावना है।
8 वर्षों में सबसे अधिक गर्मी
पिछले एक दशक से राज्य भर में भीषण गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। विशेषकर धूप की भूमि कहे जाने वाले विजयपुर, कलबुर्गी, रायचूर और बल्लारी जिलों में हर साल गर्मी का प्रकोप रहता ही है परन्तु पिछले तीन वर्षों से इसमें और वृद्धि हो रही है। 2017 के बाद से पूरे राज्य में ही रायचूर में सबसे अधिक तापमान 42.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मार्च के इन्हीं दिनों में 2017 में 40.3 डिग्री सेल्सियस, 2018 में 40.4, 2019 में 40.8, 2020 में 37.8, 2021 में 39.6, 2022 में 39.3, 2023 में 40.9 और 2024 में 42.1 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया था।
गर्मी से स्वयं को बचाने के लिए क्या करना चाहिए?
-दोपहर में घर से बाहर कम से कम निकलें।
-जितना संभव हो उतना पानी पीएं। फलों का रस, हल्का दलिया और छाछ का सेवन नियमित रूप से करें।
-सावधान रहें कि शरीर में पानी की कमी न हो जाए।
-दिन में बाहर जाते समय सिर ढकने वाला कपड़ा और चश्मा पहनें।
-जितना संभव हो सके सूती कपड़े पहनना सबसे अच्छा है।