स्मारकों के परिसर में पहली बार उत्खनन
बागलकोट. बादामी की दक्षिणी पहाड़ी श्रृंखला पर जैन बसदी (गुफा मंदिर) के नीचे पहाड़ी पर खुदाई का काम जोरों पर चल रहा है। बुधवार को खुदाई के दौरान एक मिट्टी के बर्तन में मानव हड्डियां और एक सिक्का मिला है।
धारवाड़ क्षेत्र के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से चालुक्य स्मारकों के परिसर में पहला उत्खनन कार्य शुरू किया गया है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि चालुक्य शासकों ने छठी शताब्दी में यहां चार गुफा मंदिर बनवाए थे। प्रारंभ में गुफा संख्या 1 शैव, गुफा संख्या 2 और 3 वैष्णव, तथा प्राकृतिक गुफा में बुद्ध की मूर्ति बनाई गई है। चौथी गुफा जैन बसदी है। गुफा मंदिरों में स्थित मूर्तियां इस बात का प्रमाण हैं कि चालुक्य राजा सभी धर्मों के प्रति सहिष्णु थे।
धारवाड़ क्षेत्र के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अधिकारी रमेश मूलमणि ने बताया कि जैन बसदी के नीचे की पहाड़ी पूरी तरह कांटों से ढकी हुई थी। सफाई के दौरान चट्टान पर बनी सीढय़िां मिलीं। अगस्त्य तीर्थ तक सीढिय़ां बनाई हैं। सीढिय़ों की तलाशी के दौरान एक मिट्टी के बर्तन में मानव हड्डियां और एक सिक्का मिला। मिट्टी के बर्तन में मिली मानव हड्डियों और सिक्के को परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि खुदाई के दौरान मिली सीढिय़ां इस बात का प्रमाण हैं कि चालुक्य शासकों ने जैनियों के बसदी पहुंचने के लिए बसदी से अगस्त्य तीर्थ तक पहाड़ी पर अलग सीढिय़ां बनवाई थीं।
ऐहोल और पट्टदकल में जैन बसदियों को शैव और वैष्णव मंदिरों से दूर रखा गया है इसी प्रकार बादामी में भी अंतत: जैन बसदी का निर्माण कर अलग सीढिय़ां क्यों बनाई गईं हैं इस बारे में इतिहासकारों को जांच करने की आवश्यकता है।