राज्य में 10 केंद्र चिन्हित
नोडल अधिकारी नियुक्त
हुब्बल्ली. कोविड के खिलाफ एहतियाती उपाय के तौर पर धारवाड़ जिले सहित आसपास के पांच जिलों पर ध्यान केंद्रित कर शहर के केएमसी-आरआई अस्पताल में अतिरिक्त कोविड परीक्षण के लिए सभी तैयारियां की गई हैं।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण का पता चलने के चलते स्वास्थ्य विभाग ने कोविड परीक्षण बढ़ाने का फैसला किया है।
कोविड जांच के लिए राज्य में 10 केंद्र चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से एक शहर का केएमसी-आरआई अस्पताल भी है। इस केंद्र के अधिकार क्षेत्र में धारवाड़, बागलकोट, गदग, हावेरी और बेलगावी जिले आएंगे और स्वास्थ्य विभाग ने 10,000 परीक्षण सामग्री वितरित की है।
डॉ. शांतला जी.बी. नोडल अधिकारी नियुक्त
यह सलाह दी गई है कि गंभीर श्वसन संकट का अनुभव करने वाले लोगों, बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं में कोविड के लक्षण दिखने पर परीक्षण करवाना चाहिए। केएमसी-आरआई अस्पताल प्रयोगशाला में डॉ. शांतला जी.बी. को नोडल अधिकारी नियुक्त कर पांच जिलों का प्रभार दिया गया है।
सभी कोविड उपकरण अच्छी स्थिति में हैं
केएमसी-आरआई के निदेशक एस.एफ. कम्मार ने कहा कि अस्पताल में कोविड परीक्षण जारी है परन्तु मौजूदा सरकारी निर्देश के अनुसार सोमवार से निरीक्षणों की संख्या बढ़ाई जा रही है। जनता, संघ-संस्थाओं और व्यवसायियों की ओर से दान किए गए तथा स्वास्थ्य विभाग की ओर से वितरित सभी कोविड उपकरण अच्छी स्थिति में हैं। हमें स्वास्थ्य विभाग से प्रतिदिन 150 से 200 अतिरिक्त परीक्षण करने के निर्देश मिले हैं।
कोरोना वायरस के लक्षण होने पर भी जांच कराएं
उन्होंने कहा कि अस्पताल के सभी विभागों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ पहले ही बैठक कर उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की गई है। चिकित्सा अधिकारियों के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं। आपातकालीन स्थिति में मरीजों को अलग से भर्ती करने और उनका इलाज करने के लिए एक आइसोलेशन वार्ड भी स्थापित किया गया है। भले ही आपको गंभीर श्वसन समस्याएं हों और कोरोना वायरस के लक्षण होने पर भी जांच करानी चाहिए।
लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं
धारवाड़ जिले में फिलहाल कोई कोविड पॉजिटिव मामला नहीं है। किसी में भी कोविड के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं। बारिश और धूप के कारण कुछ लोगों को सर्दी-जुकाम और बुखार की शिकायत हो रही है। लोगों को किसी भी कारण से चिंता करने की जरूरत नहीं है।
–दिव्य प्रभु, जिलाधिकारी, धारवाड़