निर्माणाधीन पुणे-बेंगलूरु राष्ट्रीय राजमार्ग
हुब्बल्ली. निर्माणाधीन पुणे-बेंगलूरु राष्ट्रीय राजमार्ग (बाईपास) जगह-जगह ढह गया है, जो भविष्य में संभावित खतरे का संकेत दे रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के तहत 2,400 करोड़ रुपए की लागत से 6 लेन के राजमार्ग का काम चल रहा है।
हुब्बल्ली गब्बर सर्कल से धारवाड़ के नरेंद्र तक 32 किलोमीटर लंबी सडक़ को चौड़ा किया जा रहा है।
यह काम जेसीबी और भारी मशीनों से किया जा रहा है और कुछ जगहों पर पहाडिय़ों को खोदा गया है। दो सर्विस रोड को छोडक़र, छह लेन के राजमार्ग के निर्माण के लिए कुछ जगहों पर कम से कम 10 से 20 फीट मिट्टी हटा दी गई है।
बैरिकेड्स लगाए गए हैं
निर्माणाधीन सडक़ इटगट्टी गांव और माइक्रोफिनिश कंपनी के पास ढह गई है। निर्माणाधीन सर्विस रोड पर मिट्टी के ढेर गिर गए हैं। खतरे को देखते हुए चेतावनी संदेश लगाए गए हैं और हाईवे के दोनों तरफ बैरिकेड्स लगाए गए हैं।
चालकों में खौफ
जेसीबी से अतिरिक्त मिट्टी खोदकर ढहे हुए हिस्से को ठीक करने की तैयारी चल रही है। इसके अलावा निर्माणाधीन हाईवे के कुछ हिस्सों में दरारें भी आ गई हैं। इससे वाहन चालकों में खौफ छाया है।
वाहनों का आवागमन खतरनाक हो गया है
बेलगावी के एक कार चालक सलीम अहमद राजावाले ने कहा कि काम की प्रगति के कारण सडक़ बहुत संकरी हो गई है। इस सडक़ पर दोतरफा यातायात है और कई दुर्घटनाएं हुई हैं। काम धीमी गति से चल रहा है और कुछ जगहों पर मिट्टी हटाकर वैसे ही छोड़ दिया गया है। उतार-चढ़ाव वाली संकरी सडक़ पर वाहनों का आवागमन खतरनाक हो गया है। इसके चलते सडक़ के ढहने से न केवल अधिक दुर्घटनाएं होंगी, बल्कि भविष्य के लिए भी सवाल खड़ा हो गया है।
मरम्मत का काम चल रहा है
एक कर्मचारी ने कहा कि जेसीबी से हाईवे को समतल कर सर्विस रोड का काम करने के दौरान निर्माणाधीन हाईवे ढह गया। हाल ही में हुई बारिश के कारण हाईवे के बगल की मिट्टी कुछ स्थानों पर ढह गई है। मरम्मत का काम चल रहा है।
जांच कर कार्रवाई की जाएगी
हाईवे निर्माण के दौरान कुछ स्थानों पर मिट्टी धंस गई होगी। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
–भुवनेश्वर कुमार, परियोजना निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, हुब्बल्ली
मिट्टी धंसने की कोई जानकारी नहीं
हाईवे मिट्टी धंसने की कोई जानकारी नहीं है। यह कब और कहां धंसी और इसका कारण क्या है, इसकी जानकारी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से ली जाएगी।
–दिव्य प्रभु, जिलाधिकारी, धारवाड़
सितंबर तक की समय सीमा
बाईपास सडक़ कार्य का ठेका ईपीसी (इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) मॉडल के तहत दिया गया है। काम 2023 में शुरू हुआ और इसी साल सितंबर तक पूरा होना चाहिए। उसके बाद पांच साल तक ठेकेदार को ही इसका रखरखाव करने की शर्त है। लोगों की सुगम आवाजाही के लिए 20 स्थानों पर हाईलाइट सडक़ें, 21 अंडरब्रिज, दो रेलवे ओवरब्रिज, भारी वाहनों के लिए 13 अंडरब्रिज, हल्के वाहनों के लिए सात अंडरब्रिज और दो रेलवे ओवरब्रिज भी बनाए जाएंगे।
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14 साल में 450 से अधिक मौतें
पुलिस ने बताया कि हुब्बल्ली और धारवाड़ के बीच इस बाईपास रोड पर पिछले 14 साल में 450 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 2009 से अब तक 1900 से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें से 390 गंभीर और 900 से अधिक मामूली दुर्घटनाएं हुई हैं। दो हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 300 से अधिक लोग स्थायी रूप से विकलांग हुए हैं।