
धारवाड़ जिले के चुनावी रण का हाल
लिंगायत स्वाभिमान की चिंगारी ने बदली तस्वीर
हुब्बल्ली. अंतिम समय में भाजपा छोडकऱ कांग्रेस में शामिल हुए जगदीश शेट्टर की ओर से प्रज्वलित लिंगायत स्वाभिमान की चिंगारी ने धारवाड़ जिले के चुनावी अखाड़े की तस्वीर बदल दी है। इस चिंगारी से किसका घर रोशन होगा और किसका घर जलेगा यही इस बार मुश्किल समीकरण बन गया है।
पिछले विधानसभा चुनाव में नाराज हुए लिंगायत समुदाय को शेट्टर के जरिए फिर से अपने पाने में खींचने के लिए कांग्रेस बेताब है। दूसरी ओर, भाजपा उस समुदाय को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है जिसने उसे इतने वर्षों तक ताकत दी है। शेट्टर हुब्बल्ली-धारवाड़ सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, परन्तु उनकी ओर से सुलगाई गई आत्मसम्मान की चिंगारी जिले के सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में देखी नजर आ रही है। सभी सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। जेडीएस बस अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
पसीना बहा रही कांग्रेस
भाजपा को संगठित कर विकसित करने वाले शेट्टर को टिकट नहीं दिया गया। यह उनका नहीं उनके समुदाय (लिंगायत) का अपमान है कहकर शेट्टर सहानुभूति हासिल करने में जुटे हुए हैं। शेट्टर का सौम्य, मृदुभाषी, जमीन से जुड़ा व्यक्तित्व की छवि काम आएगा। कांग्रेस अपने समुदाय के वोटों को दलितों, मुस्लिमों और ईसाइयों के पारंपरिक वोटों से जोडऩे में पसीना बहा रही है।
शेट्टर के विपक्षी खेमे में शामिल होने से भाजपा को झटका लगा है। भाजपा शेट्टर को सभी सुख सुविधाओं का आनंद लेकर पार्टी के साथ धोखा करने के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए इसी समुदाय के महेश टेंगिनकाई को मैदान में उतारा है। पार्टी संगठन से जुटे रहे टेंगिनकाई का नाम पार्टी के बाहर कम ही सुनने को मिलता था। उन्होंने पार्टी संगठन और कट्टर समर्थकों का सहारा लिया है। नरेंद्र मोदी, अमित शाह, बीएस येडियूरप्पा, प्रहलाद जोशी के रसूक के भरोसे हैं।
कांग्रेस को वोट कंटने का डर
हुब्बल्ली-धारवाड़ पूर्व (अनुसूचित जाति आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र)
कांग्रेस से दक्षिणपंथी समुदाय के वर्तमान विधायक प्रसाद अब्बय्या मैदान में उतरे हैं। पार्टी के पारंपरिक वोटों के साथ शेट्टर के जुडऩे से लिंगायत वोट भी उनके पक्ष में आ जाएंगे। उन्हें विश्वास है कि इससे उन्हें हैट्रिक जीत हासिल करने में मदद मिलेगी। भाजपा से दक्षिणपंथी समुदाय के डॉ. क्रांतिकिरण पहली बार मैदान में उतरे हैं। उन्हें पार्टी संगठन और कट्टर समर्थकों पर भरोसा है। भाजपा का टिकट नहीं मिलने से वामपंथी समुदाय के पूर्व विधायक वीरभद्रप्पा हलहरवी जेडीएस में शामिल हो गए हैं और उन्हें भाजपा के वोट मिलने की पूरी उम्मीद है। इससे भाजपा के वोट बंटने की संभावाएं हैं। इस चुनाव में पहली बार एआईएमआईएम ने भी दुर्गप्पा बिजवाड को मैदान में उतारा है। असादुद्दीन ओवैसी खूद चुनाव प्रचार में उतरे हैं। इससे कांग्रेस का वोट कंटने का डर सता रहा है।
भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला
हुब्बल्ली-धारवाड़ पश्चिम
विधायक, पंचमसाली लिंगायत समाज के अरविंद बेल्लद ने भाजपा से फिर से मैदान में उतरे हैं। भाजपा से टिकट के दावेदार महानगर निगम के महापौर ईरेश अंचटगेरी को टिकट नहीं मिलने के कारण चुनाव से दूर हैं। कांग्रेस नेे ब्राह्मण समुदाय के दीपक चिंचोरे को मैदान में उतरा है। कांग्रेस के बागी उम्मीदवार बसवराज मलकारी निदलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। टिकट से वंचित उम्मीदवारों का प्रचार में नहीं आना चिंचोरे के लिए झटका होगा।
कुलकर्णी की पत्नी शिवलीला कर रही प्रचार
धारवाड़ विधानसभा क्षेत्र
विधायक, भाजपा के अमृत देसाई फिर से मैदान में हैं। भाजपा टिकट के दावेदार तवनप्पा अष्टगी के कांग्रेस में शामिल होने से भाजपा के लिए खततरा हो सकता है। पिछले चुनाव में देसाई के विरोधी रहे कांग्रेस के विनय कुलकर्णी फिर से चुनाव लड़े हैं। जिला पंचायत सदस्य योगीश गौड़ा गौडर हत्या के मामले में विनय कुलकर्णी को जिले से निर्वासित कर दिया गया है। उनकी पत्नी शिवलीला कुलकर्णी प्रचार कर रही हैं। विनय को विश्वास है कि 2013-18 की अवधि में किए गए विकास कार्यों को देखते हुए क्षेत्र की जनता उनका साथ देगी।
कुंदगोल, त्रिकोणीय मुकाबला
पंचमसाली लिंगायत समुदाय के एसआई चिक्कनगौडर ने भाजपा से बगावत कर बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इसके चलते अखाड़े में त्रिकोणीय मुकाबला है। उनकी प्रतिस्पर्धा के कारण भाजपा के एमआर पाटिल के वोट बंटने की संभावना है। दोनों के बीच प्रतिद्वंद्विता के कारण कुरुबा समुदाय की कांग्रेस उम्मीदवार, विधायक, कुसुमावती शिवल्ली को सुविधा होने की संभावना है। उनकी पार्टी के आठ नेताओं ने कुसुमावती के खिलाफ दलबदल किया है, जो चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।
कलघटगी, भाजपा को अंदरूनी झटका लगने की आशंका
भाजपा के टिकट से वंचित विधायकों में शेट्टर के साथ सीएम निंबन्नवर भी शामिल हैं। कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर अंतिम समय में पार्टी में शामिल हुए नागराज छब्बी को भाजपा ने टिकट दिया है। पिछले चुनाव में साथ मिलकर काम कर चुके कांग्रेस के संतोष लाड उन्हें टक्कर दे रहे हैं। भाजपा में निंबन्नवर समेत कई टिकट के दावेदार थे। आखिरी समय में कांग्रेस से आए छब्बी को टिकट देने से आंतरिक असंतोष है। भाजपा को अंदरूनी झटका लगने की आशंका है।
नवलगुंद, भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला
विधायक, पंचमसाली लिंगायत समुदाय के शंकर पाटील मुनेनकोप्पा और कांग्रेस के रेड्डी लिंगायत समाज के एन.एच. कोनरड्डी के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है। कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर कुरुबा समाज के के.एन. गड्डी जेडीएस में शामिल हुए हैं। अगर वे समुदाय के वोट अपने साथ ले जाते हैं, तो कोनरड्डी के लिए मुश्किल हो सकती है। इस नुकसान की भरपाई के लिए कोनरड्डी ने उसी समुदाय के विनोद असूटी को अपने साथ लेकर प्रचार कर रहे हैं। मजे की बात यह है कि नामांकन वापस लेने वाले कुरुबा समाज के शिवानंद करिगार ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि उनका समर्थन किस को है।
……..
धारवाड़ जिले में कुल मतदाता -15,07,414
पुरुष – 7,57,522
महिला – 7,49,807
यौन अल्पसंख्यक – 85
……………पिछले चुनाव में पार्टियों की ताकत
क्षेत्र – 2013 – 2018
हुब्बल्ली-धारवाड़ सेंट्रल – भाजपा – भाजपा
हुब्बल्ली-धारवाड़ पूर्व – कांग्रेस – कांग्रेस
हुब्बल्ली-धारवाड़ पश्चिम – भाजपा – भाजपा
धारवाड़ – कांग्रेस – भाजपा
कलघटगी – कांग्रेस – भाजपा
कुंदगोल – कांग्रेस – कांग्रेस
नवलगुंद – जेडीएस – भाजपा