शिग्गावी उपचुनाव
दुंडीगौडर के समर्थकों ने की बैठक
-श्रीकांत दुंडीगौडर ने कहा, बसवराज बोम्मई ने मुझे टिकट देने का किया था वादा
हावेरी. शिग्गावी विधानसभा क्षेत्र से सांसद बसवराज बोम्मई के बेटे भरत के लिए भाजपा टिकट की घोषणा होते ही बगावत शुरू हो गई है।
निर्वाचन क्षेत्र के प्रभावशाली भाजपा नेता श्रीकांत दुंडीगौडर ने बगावत का संकेत देते हुए कहा कि बसवराज बोम्मई ने मुझे टिकट देने का वादा किया था परन्तु उन्होंने अन्याय किया है। 24 अक्टूबर के बाद अपने फैसले के बारे में बताउंगा।
भाजपा से टिकट मिलने को लेकर आश्वस्त नेता श्रीकांत दुंडीगौडर ने कहा कि बसवराज बोम्मई ने मुझसे और कार्यकर्ताओं से झूठ बोला। उन्होंने अपने बेटे को टिकट मिलने के बारे में सच बात नहीं बताई। उन्होंने कहा था कि वे वरिष्ठों से भरत को टिकट नहीं देने को कहा है परन्तु अब भरत को टिकट मिल गया है। यह मेरे और समर्थकों के लिए बहुत दुख की बात है। बोम्मई ने टिकट की घोषणा होने तक सच न बताकर अन्याय किया है।
श्रीकांत भारत सेवा संस्थान के अध्यक्ष हैं और कई वर्षों से भाजपा में हैं। उनकी पत्नी शकुंतला कर्नाटक लोक सेवा आयोग (केपीएससी) की सदस्य हैं।
अगली रणनीति पर की चर्चा
शिग्गावी विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे बसवराज बोम्मई से नेताओं को उम्मीद थी कि वे उपचुनाव में कार्यकर्ताओं को टिकट दिलवाएंगे परन्तु अब उनके बेटे को टिकट मिलने पर नाराजगी जताते हुए कुछ कार्यकर्ताओं ने सोमवार को एक बैठक की और अपनी अगली रणनीति पर चर्चा की।
परिवारवाद की राजनीति को स्वीकार नहीं करेगी जनता
श्रीकांत दुंडीगौडर हमारे नेता हैं का दावा करते हुए बैठक में जुटे समर्थकों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि भाजपा में परिवारवाद की राजनीति स्वीकार्य नहीं है परन्तु यहां सांसद का बेटा ही विधायक की सीट का उम्मीदवार है। यह कैसा सामाजिक न्याय है? विधानसभा क्षेत्र की जनता परिवारवाद की राजनीति को स्वीकार नहीं करेगी। जन-समर्थक श्रीकांत दुंडीगौडर को इस बार बतौर निर्दलीय चुनाव लडऩा चाहिए।
अगले कदम पर चर्चा करेंगे
बैठक को संबोधित करते हुए श्रीकांत दुंडीगौडर ने कहा कि बसवराज बोम्मई हमारे नेता हैं। हमने चार कार्यकाल तक उनकी ओर से काम किया है। उन्होंने मुझे टिकट देने का वादा किया था, परन्तु वादा नहीं निभाया। इसके चलते वे अपने समर्थकों के साथ अगले कदम पर चर्चा करेंगे।
किसी से वादा नहीं किया
श्रीकांत दुंडीगौडर के समर्थकों की बैठक को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सांसद बसवराज बोम्मई ने कहा कि मैंने किसी को भी टिकट दिलवाने का वादा नहीं किया। लगभग 50 दावेदार थे। सभी को पार्टी के फैसले का पालन करने को कहा गया था। टिकट की घोषणा मेरा फैसला नहीं है। यह पार्टी का निर्णय है। मेरे बेटे को चुनाव में खड़ा करने की कोई दिलचस्पी नहीं थी। मैंने आखिरी क्षण तक कहा कि मेरे बेटे को टिकट नहीं चाहिए। आखिरकार आलाकमान ने टिकट दिया है। जीतने के मकसद से टिकट दिया गया है। पार्टी के आदेश का पालन करना मेरा कर्तव्य है। मैंने मेरे कार्यकर्ताओं के साथ कोई अन्याय नहीं किया है। मैंने श्रीकांत दुंडीगौडर को कैबिनेट का दर्जा दिया है। समर्थकों के साथ बैठक करने वाले श्रीकांत से बात करूंगा।