दावणगेरे जाति गणना में बड़ा खुलासा
93.65 प्रतिशत सर्वे कार्य पूर्ण, 39,786 मकान खाली मिले
सामाजिक संरचना की नई तस्वीर उभरकर सामने आई
दावणगेरे. जिले में चल रहे सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण (जाति गणना) के दौरान एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है — जिले के 42,236 नागरिकों ने सर्वे में भाग लेने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने सर्वे अधिकारियों को लिखित रूप में सूचित किया कि वे अपनी जानकारी साझा नहीं करना चाहते।
यह सर्वेक्षण पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से संचालित किया जा रहा है, जिसमें भाग लेना पूरी तरह स्वैच्छिक है। हजारों लोगों ने इस अधिकार का प्रयोग करते हुए अपनी असहमति दर्ज की और निजी जानकारी देने से परहेज किया।
17.42 लाख लोगों का सर्वे पूरा
2025 के अनुमान के अनुसार जिले की जनसंख्या 18,29,756 है। मृत्यु या अनुपलब्धता को छोडक़र अब तक 17,42,665 लोगों का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जबकि लगभग 37,000 लोगों का सर्वे अभी बाकी है।
खाली मकानों की संख्या चौंकाने वाली
सर्वे के दौरान यह भी सामने आया कि जिले में 39,786 मकान खाली हैं, जिनमें कोई निवास नहीं करता। इनमें से अधिकांश स्मार्ट सिटी दावणगेरे क्षेत्र में स्थित हैं।
93.65 प्रतिशत घरों का सर्वे कार्य सम्पन्न
जिले में कुल 4,91,946 घरों की पहचान की गई थी, जिनमें से 4,40,508 घरों का सर्वे पूरा हो चुका है। यानी 93.65 प्रतिशत कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ है।
100 प्रतिशत सर्वे में तकनीकी बाधाएं
अधिकारियों ने बताया कि घरों की पहचान बेस्कॉम के आरआर नंबर के आधार पर की गई है। कई आरआर नंबर पंप सेट, बागानों और सरकारी भवनों को भी दिए गए हैं, जहां कोई निवास नहीं करता। ऐसे में जनसंख्या के आधार पर सर्वे को लगभग पूर्ण माना जा सकता है।
निजता को लेकर लोगों में संकोच
रामगोंडनहल्ली के निवासी रमेश ने कहा कि वे किसान हैं। उनके पास छोटा खेत और घर है। घर में वे और उनकी मां रहते हैं। निजी कारणों से उन्होंने जानकारी साझा नहीं करने का निर्णय लिया है।
इस सर्वेक्षण से जहां समाज की जातिगत स्थिति का आंकलन हो रहा है, वहीं दावणगेरे जिले की सामाजिक बनावट, प्रवास के पैटर्न और आवासीय स्थिति की भी एक नई तस्वीर सामने आई है।
