मंत्रिमंडल की उप-समिति बैठक में लिया फैसला
हुब्बल्ली. मंत्रिमंडल की उप-समिति बैठक में राज्य के कप्पत्तगुड्डा, बुक्कापट्टण, कामसंद्रा, नागरहोले, कावेरी विस्तारित वन्यजीव अभयारण्य सहित 6 वन क्षेत्रों में पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है।

राज्य के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा कि इस मामले पर अगली मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा कर वहां लिए गए फैसले को सिफारिश के तौर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 2011 में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार इन क्षेत्रों को प्रोत्साहित गतिविधियां, प्रतिबंधित गतिविधियां और निषिद्ध गतिविधियां के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।

कप्पत्तगुड्डा वन्यजीव अभयारण्य 244.15 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है, जिसमें से 23.804 वर्ग किमी वन तथा 298.890 वर्ग किमी गैर वन क्षेत्र है। 322.695 वर्ग किमी क्षेत्र को पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव है।

बुक्कापट्टण में स्थित चिंकारा वन्यजीव अभयारण्य 136.11 वर्ग किमी है। 18.5662 वर्ग किमी वन तथा 138.52 वर्ग किमी गैर वन क्षेत्र सहित कुल 157.0862 वर्ग किमी क्षेत्र को पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया जाएगा।

वहीं 78.62 वर्ग किमी में फैले कामसंद्रा वन्यजीव अभयारण्य के 93.27 वर्ग किमी को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र के तौर पर और नागरहोले बाघ अभयारण्य (टाइगर रिजर्व) 643.39 वर्ग किमी वाले राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान का 573.97 वर्ग किमी क्षेत्र को पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में शमिल करने का प्रस्ताव है।

इसी प्रकार, अणशी राष्ट्रीय उद्यान, दांडेली वन्यजीव अभयारण्य का क्षेत्रफल 669.06 वर्ग किमी और कावेरी विस्तारित वन्यजीव अभयारण्य 145.369 वर्ग किमी क्षेत्र को पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने का प्रस्ताव है।

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