राज्य में ही पहला मामला
हुब्बल्ली. शहर के ऑल इंडिया जैन यूथ फेडरेशन के महावीर लिंब सेंटर ने एक दुर्घटना में अपना पैर खो चुके एक बछड़े को कृत्रिम पैर लगाकर मानवीय कार्य किया है, जिसकी गौ प्रेमियों ने सराहना की है।
शहर के सिद्धारूढ़ मठ के पास अभिनव नगर स्थित विश्व हिंदू परिषद की गौशाला में सोमवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में महावीर लिंब सेंटर के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र सिंघी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 8 महीने पहले धारवाड़ में एक ट्रेन दुर्घटना में एक बछड़े ने अपनी मां को और अपना पिछला बायां पैर खो दिया था। धारवाड़ में इस बछड़े का इलाज और देखभाल विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने किया और अब इसे यहां के गौशाला में आश्रय दिया गया है।
उन्होंने कहा कि गौशाला के नेताओं ने दुर्घटना में बछड़े के पैर खोने के बारे में हमारी संस्था से संपर्क किया, तो लिम्ब सेंटर की टीम ने गौशाला का दौरा कर उस बछड़े को कृत्रिम पैर लगाने के जरिए अब सभी बछड़ों की तरह चलने की व्यवस्था की गई है।
राज्य में ही प्रथम
सिंघी ने कहा कि इस बछड़े का कृत्रिम पैर लगाना राज्य में ही पहला मामला है। हमने पूर्व में पैर खो चुके एक घोड़े को सफलतापूर्वक कृत्रिम पैर लगा चुके हैं। अब हमने बछड़े को कृत्रिम पैर सफलतापूर्वक लगाया है। लिम्ब सेंटर ने इस बछड़े को गोद लेने का फैसला किया है। सामान्य बछड़ों की तरह, इस बछड़े को चलने के लिए कुछ दिन चाहिए और इसके स्वास्थ्य का अतिरिक्त ध्यान रखने का निर्णय लिया गया है। बछड़े की वृद्धि के अनुसार हर साल नए सिरे से कृत्रिम पैर लगाने का निर्णय लिया गया है।
51 हजार कृत्रिम पैरों का वितरण
उन्होंने कहा कि महावीर लिम्ब सेंटर की ओर से अब तक कर्नाटक के अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गोवा और तेलंगाना राज्यों में कई शिविर आयोजित कर 51 हजार से अधिक दिव्यांगों को नि:शुल्क कृत्रिम पैर वितरित किए जा चुके हैं। वे कई दानदाताओं से कृत्रिम पैर प्राप्त कर जरूरतमंदों को नि:शुल्क वितरित कर रहे हैं।
संवाददाता सम्मेलन में लिंट सेंटर के चेयरमैन गौतम गोलेछा, सुनिल भूरट, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय सचिव गोवर्धन राव, रमेश कदम, विजय क्षीरसागर, आनंद संगम, सुभाष डंक, एम.एच. नायकर, सुनील घोष समेत कई अन्य उपस्थित थे।