अक्षरा आविष्कार के तहत रोजगार, कौशल विकास को प्राथमिकता
हिंदी भाषा के बजाय इन कौशल
29 मई तक प्रारंभिक तैयारी करने का निर्देश
कोप्पल. व्यापक शैक्षिक विकास, बुनियादी सुविधाओं और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए, कल्याण कर्नाटक विकास बोर्ड (केकेआरडीबी) ने अक्षर आविष्कार कार्यक्रम के तहत कल्याण कर्नाटक के सात जिलों के चयनित स्कूलों में वर्तमान शैक्षणिक वर्ष से छात्रों को व्यावसायिक कौशल सिखाने का निर्णय लिया है।
इस योजना के तहत योग्यता के आधार पर कनकगिरी और कारटगी, गंगावती तालुक की 32 पूर्व-प्राथमिक विद्यालयों में ईसीसीई (पूर्व-प्राथमिक शिक्षा-एलकेजी और यूकेजी) और 10 हाईक्सूलों में राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा कौशल ढांचे (एनएसक्यूएफ) के तहत कौशल कक्षाएं शुरू करने का प्रस्ताव है। स्कूल शिक्षा विभाग ने 29 मई तक प्रारंभिक तैयारी करने का निर्देश दिया है।
हिंदी भाषा के बजाय कौशल विषयों को सीख सकते हैं
कनकगिरी तालुक के मुसलापुर, शहर के आदर्श विद्यालय, नवली, चिक्कडंकनकल, हिरेखेड़ा गांव के सरकारी हाई स्कूल सहित दस स्कूलों का चयन किया गया है। इन सरकारी हाई स्कूलों में कक्षा 9 से कक्षा 12वीं (पीयूसी) तक सीखने का मौका मिलेगा और वर्तमान में कक्षा 9 और 10 के छात्रों को व्यावसायिक कौशल विषय पढ़ाए जा रहे हैं। यह व्यावसायिक शिक्षा तीसरी भाषा हिंदी विषय के लिए समकक्ष है और इसे 9वीं और 10वीं कक्षा तक जारी रखना है। छात्र हिंदी भाषा के बजाय इन कौशल विषयों को सीख सकते हैं।
शुरू करने का दिया निर्देश
इस नए नियम के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटोमोबाइल, ब्यूटी वेलनेस, कृषि, प्रेस मीडिया और मनोरंजन, स्वास्थ्य सेवा, इलेक्ट्रॉनिक और हार्डवेयर सहित कुल दस विषय हैं, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी का विषय अनिवार्य है। प्रत्येक स्कूल में एक विषय के लिए अधिकतम 25 छात्रों और दो विषयों के लिए 50 छात्रों को पंजीकरण करने की अनुमति दी गई है। 20 छात्र संबंधित विषयों को सीखना चाहते हों तो ही शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
प्रशिक्षकों की भर्ती
सामान्य शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा के विषयों को छात्रों की रुचि के अनुसार शामिल कर भविष्य में नौकरियों का प्रबंधन करने के लिए आवश्यक कौशल और क्षमताओं के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। सरकार नए विषयों को पढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रक्रिया उपलब्ध करने के अलावा संबंधित विषयों के प्रशिक्षकों (शिक्षकों) की नियुक्ति भी कर रही है।
–वेंकटेश रामचंद्रप्पा, क्षेत्र शिक्षा अधिकारी, कनकगिरी
बदलने का कोई अवसर नहीं
एसएसएलसी में छात्रों की ओर से चुने गए कौशल विषय को बदलने का कोई अवसर नहीं होगा।
–आकाश एस, अतिरिक्त आयुक्त, स्कूल शिक्षा विभाग, कलबुर्गी संभाग