मंत्री संतोष लाड ने कहा
हुब्बल्ली. श्रम एवं जिला प्रभारी मंत्री संतोष लाड ने कहा कि भाजपा पहले यह मान ले कि उनके समय में मुडा में घोटाला हुआ था। इसके बाद जरूरी हो तो पदयात्रा निकालें।
शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए लाड ने कहा कि भाजपा और जेडीएस के पदयात्रा निकालने की वजह क्या है? वाल्मिकी और मुडा घोटाले पर सरकार ने सकारात्मक फैसला लिया है। मंत्री नागेंद्र ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, मामले की सीआईडी जांच चल रही है। ईडी और सीबीआई भी इसमें शामिल हुईं हैं। सरकारी और बैंक अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही है। ऐसी स्थिति में वे पदयात्रा क्यों कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सदन में बोलने के लिए सात घंटे की इजाजत दी गई थी। भाजपा के कार्यकाल में ही मुडा में घोटाला हुआ था। भाजपा लिखकर दे कि उनके कार्यकाल में घोटाला किया है। अवैध तरीके से प्लॉट आवंटित किया है। लिखा जाए कि इसकी जांच करानी होगी। पहले यह स्वीकार करें कि हमने लोगों को मूर्ख बना दिया है। अपने आप को एक साइट देकर घोटाला कर, पदयात्रा कौन सा धर्म है? मुख्यमंत्री को इस्तीफा क्यों देना चाहिए।
लाड ने कहा कि सिद्धरामय्या ने गारंटी के लिए 60 हजार करोड़ रुपए अनुदान मंज़ूर किया है। भाजपा किसी पिछड़े नेता को इस तरह आगे बढ़ता नहीं देख सकती। सिद्धरामय्या के लोकप्रियता को सहन नहीं कर पा रही है।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दिल्ली क्यों जा रहे हैं। हो सकता है आलाकमान से चर्चा करने गए होंगे। शायद निगम-मंडल और आगामी चुनाव को देखते हुए जा रहे होंगे। इसका कोई खास मतलब निकालने की जरूरत नहीं है।
ईडी की छापामारी से भाजपा को फायदा
लाड ने कहा कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की छापामारी राजनीति से प्रेरित है। अब तक 3 हजार छापामारी की गई है। 2014 से आज तक हुई छापामारी में 76 फीसदी मामले बंद हो चुके हैं। केवल 24 प्रतिशत मामले मात्र चल रहे हैं। तीन हजार मामलों में से 95 प्रतिशत मामले विपक्षी दलों के खिलाफ हैं। जिन लोगों पर ईडी ने छापामारी की थी वे सभी अब भाजपा में हैं। वह वाशिंग पाउडर निरमा के बाद भाजपा में शामिल हुए हैं। ईडी की छापामारी से भाजपा को फायदा है। उन्होंने हमारे घोषणापत्र की ही नकल की है और अब इसे लागू कर रहे हैं। इस बारे में कोई बात नहीं कर रहा है।
बाढ़ से राज्य में भारी नुकसान हुआ है परन्तु केंद्र सरकार अनुदान देने में भेदभाव कर रही है। बजट में दो राज्यों के लिए 50 हजार करोड़ रुपए अनुदान दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट जाने पर पिछली बार हमें अनुदान मिला था। कर्नाटक राज्य को केंद्र सरकार से कोई उचित हिस्सा नहीं मिल रहा है। अधिकांश अनुदान उत्तर भारतीय राज्यों को जा रहा है। हिंदुओं की प्रति व्यक्ति आय घट गई है. किसान आत्महत्या कर रहे हैं परन्तु हमारे राज्य में किसानों की आत्महत्या बढ़ गई है कहकर बदनाम किया जा रहा है। कर्नाटक क्या भारत में नहीं है? अगर प्रल्हाद जोशी किसानों की आत्महत्या पर ट्वीट करें तो क्या वे महान हो जाएंगे? बाढ़ प्रभावित इलाकों का हम दौरा करेंगे। लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे।