धारवाड़. कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की पर्यावरण अधिकारी शोभा पोल ने कहा कि पृथ्वी को ढकने वाली ओजोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी और उसके जीवों की रक्षा करती है। इसलिए जीवन रक्षक ओजोन परत को नुकसान से बचाने के लिए सावधानी बरतना हम सभी का कर्तव्य है।

वे कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय और हुब्बल्ली-धारवाड़ नागरिक पर्यावरण समिति की ओर से शुक्रवार को कर्नाटक विज्ञान विश्वविद्यालय में आयोजित विश्व ओजोन दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन कर कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहीं थी।

उन्होंने कहा कि मूलभूत सुविधाओं की विकास परियोजनाओं, प्रौद्योगिकियों, उद्योग आदि जैसी गतिविधियों से निकलने वाले रासायनिक और विषाक्त पदार्थों के कारण बढ़ते वैश्विक तापमान (ग्लोबल वार्मिंग) से ओजोन परत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पर्यावरण में हो रहे बदलाव के कारण ओजोन परत का क्षरण हो रहा है।

कर्नाटक विज्ञान विश्वविद्यालय वनस्पति विज्ञान विभाग के व्याख्याता डॉ. के कोटरेश ने कहा कि ओजोन परत सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों से बायोमास को बचाती है। मानव और पशु प्रजातियां अपने अस्तित्व के लिए पौधों की प्रजातियों पर निर्भर करती हैं। क्लोरोफ्लोरो कार्बन एयर कंडीशनर वस्तुओं के उपयोग से ओजोन परत नष्ट हो रही है। जो परत सामान्य होनी चाहिए वह बिगड़ रही है। त्वचा कैंसर, सांस की समस्या, त्वचा की एलर्जी जैसी खतरनाक स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं।

कर्नाटक विज्ञान कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शिवानंद जी चौगला ने अध्यक्षता की और विचार व्यक्त किया। हुब्बल्ली-धारवाड़ नागरिक पर्यावरण समिति के अध्यक्ष शंकर कुम्बी, वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. डॉ. एम. डोरिस सिंह, प्राणी विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. सणकल, पर्यावरण समिति सचिव डॉ. विलासा कुलकर्णी, सहायक पर्यावरण अधिकारी सोमशेखर हिरेगौडर, के.पी कुलकर्णी, हर्ष नीलगुंद आदि उपस्थित थे। अनीता ने प्रार्थना की। मौन एस ने स्वागत किया। डॉ. एसएस मंगलवाड़ी ने आभार जताया।

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