हुब्बल्ली. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि राज्य में सीबीआई जांच पर रोक लगाने वाली कांग्रेस सरकार ने अब आतंकवाद मामलों की एनआईए जांच में भी अड़ंगा डाल रही है।
शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जोशी ने पुरानी हुब्बल्ली दंगों के मामले को एनआईए जांच से वापस लेने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले की कड़ी निंदा की।
जोशी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि हुब्बल्ली दंगा मामले में एनआईए जांच को वापस लेने का मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या मंत्रिमंडल का फैसला उनकी कट्टरता की पराकाष्ठा को दर्शाता है। पुरानी हुब्बल्ली दंगा आतंकवादी गतिविधि के समान घटना है और यह मामला एनआईए अदालत में है। इसके बाद भी सरकार ने यह रुख अपनाया है, जो सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि आरोपियों की जमानत हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और ट्रायल कोर्ट से खारिज हो चुकी है। पुलिस और न्यायिक विभाग मामले को वापस लेने के खिलाफ थे, इसके बाद भी राज्य कांग्रेस सरकार का यह कदम दंगाइयों को बढ़ावा देने जैसा है। राज्य सरकार आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों का समर्थन कर रही है। पुरानी हुब्बल्ली दंगा एक बहुत ही गंभीर मामला है। वे इस मामले को एनआईए से वापस लेने की कड़ी निंदा करते हैं।
प्रल्हाद जोशी ने आक्रोश जताते हुए कहा कि जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार देश में चरमपंथी ताकतों और आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ लड़ रही है, वहीं राज्य की कांग्रेस सरकार इसके विपरीत आतंकवाद का समर्थन कर रही है।
तुष्टिकरण की पराकाष्ठा
जोशी ने कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि पुराने हुब्बल्ली दंगा मामले को एनआईए से वापस लेकर तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है। पुरानी हुबली दंगा मामले में हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं है। गद्दारों और समाजविरोधियों के खिलाफ लड़ाई भारत के संविधान और कानून के बीच की लड़ाई है।